नई दिल्ली– कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र में कांग्रेस की सरकार आने पर गरीबों को न्यूनतम आमदनी की गारंटी देने का वादा किया है. इसे लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. न्यूनतम आमदनी गारंटी को लोकसभा जीत की गारंटी के तौर पर देखी जा रही है. लेकिन इस योजना की घोषणा के बाद राहुल गांधी अन्य नेताओं के निशाने पर आ गए हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मायावती ने कहा कि यह कांग्रेस सरकार की गरीबी हटाओ, और मौजूदा सरकार के काले धन, 15 लाख खातों में जमा और अच्छे दिन की तरह नकली वादा तो नहीं? बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों फेल हो चुके हैं. दोनों पार्टी एक सिक्के के दो पहलू साबित हुए हैं.

बीजेपी ने भी राहुल गांधी की इस घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस पहले छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में इसे लागू करे. हवा हवाई बातें करने से कुछ होने वाला नहीं है.

वहीं कांग्रेस घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष और पूर्व वित्तमंत्री पी चिंदबरम ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा कि छत्तीसगढ़ की किसान आभार रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की घोषणा ऐतिहासिक है. यह गरीबों के जीवन में महत्वपूर्ण साबित होगी. पिछले दो वर्षों में यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) के सिद्धांत पर बड़े पैमाने पर चर्चा की गई है. अब समय आ गया है कि हमारे हालात और हमारी जरूरतों के मुताबिक इस सिद्धांत को अपनाया जाए और इसे गरीबों के लिए लागू किया जाए.

आपको बता दें कि सोमवार को छत्तीसगढ़ में किसान आभार रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने निर्णय ले लिया है, दुनिया में पहली बार कांग्रेस पार्टी एक निर्णय लेने जा रही है. 2019 चुनाव जीतने के एकदम बाद जैसे हमने मनरेगा  100 दिन का रोजगार की गारंटी दिया, भोजन की गारंटी दिया. सूचना के अधिकार की गारंटी दिया. अब हम ऐसा कदम उठाने जा रहे हैं जो किसी सरकार ने नहीं उठाया. हमने निर्णय ले लिया है कि हिन्दुस्तान के हर गरीब को 2019 के बाद हर व्यक्ति को न्यूनतम इनकम की गारंटी देने जा रहे हैं. इसका मतलब मिनिमम इंकम गारंटी. हिन्दुस्तान के हर गरीब व्यक्ति के अकाउंट में न्यूनतम आमदनी देने जा रही है. हिन्दुस्तान में कोई भी भूखा नहीं रहेगा. यह कांग्रेस पार्टी की सरकार करने जा रही है. यह एक ऐतिहासिक फैसला होगा.