रायपुर- कांग्रेस आलाकमान की ओर से भूपेश सरकार के कामकाज की समीक्षा किए जाने की खबरों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने आलोचनात्मक लहजे में कहा है कि सरकार विकास के साथ कदमताल करने की बजाए पीछे हटते दिखती है. सरकार के पास विकास का कोई विजन नहीं है. सिवाए सीना ठोकने के बुनियादी विकास का काम सरकार ने बीते एक साल में नहीं किया है.

पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने कहा कि लगता है कि सरकार के काम की दिशा तय करने के लिए बीता एक साल बेहद महत्वपूर्ण था, क्या यह सरकार के आराम करने का समय था? सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री, चीफ सेक्रेटरी को अपनी पार्टी का घोषणा पत्र सौंपकर कहता है कि इसके एक-एक वादे को पूरा करना सरकार का कर्तव्य है, लेकिन क्या इस सरकार के घोषणा पत्र को कूड़ेदान में फेंक दिया गया है.

रमन सिंह ने कहा कि सरकार की स्थिति देखकर लगता है कि यह दिशाहीन है. जब विकास की बात होती है, तो ये लोग सिर्फ नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी की बात करते हैं. कम से कम एक सालों में नरवा ही ठीक कर लिया होता. गरवा सरकार की प्राथमिकता में है, लेकिन भूख-प्यास से गौठानों में गायें मर रही हैं, जिसे भूपेश सरकार फ्लैगशिप स्कीम कह रही है, उसके लिए बजट में प्रावधान, कोई एक्शन प्लान दिखाना चाहिए.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते एक साल में अधोसंरचना का कोई नया काम नहीं हुआ, निर्माण कार्य पूरे राज्य में ठप्प है. सरकार की धान खरीदी नीति असफल हो गई है. सरकार के पास मैंचिंग ग्रांट के लिए भी पैसे नहीं है. यह आने वाले समय में नान प्लान वाली सरकार साबित होगी. यह राज्य के लिए बेहद दुखद है. डाक्टर रमन सिंह ने कहा कि सरकार के मंत्रियों में आपस में इतने मतभेद है कि हर कोई अपनी अलग ढपली बजाते नजर आता है. मुख्यमंत्री वन मैन शो की तरह हैं, बाकी लेयर तो ऐसे हैं जिन्हें कोई मतलब नहीं है.

ढाई साल के फार्मूले पर कुछ तो खिचड़ी पक रही है

डाक्टर रमन सिंह ने ढाई-ढाई के मुख्यमंत्री फार्मूले की चर्चाओं पर चुटकी लेते हुए कहा कि जब इस बात पर कांग्रेस के भीतर चर्चा हुई थी, तब केवल तीन चश्मदीद थे. भूपेश बघेल, टी एस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू. जब इन तीनों से पूछा जाता है, तो सबकी प्रतिक्रिया अलग-अलग होती है. जब राजा साहब (टी एस सिंहदेव) से पूछा जाता है, तो वह मुस्कुराते हैं, उनके चेहरे की कांति बढ़ जाती है. उस वक्त सोनिया-राहुल गांधी ने क्या कहा था, यह डाक्टर रमन सिंह नहीं बता सकता, लेकिन कुछ न कुछ खिचड़ी जरूर पक रही है.