मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। वेब सीरीज ‘द रेलवे मेनः द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ भोपाल 1984’ की रिलीज पर रोक लगाने से बॉम्बे हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया है कि भोपाल गैस त्रासदी का विवरण पहले से ही सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है। 

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न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की अवकाशकालीन पीठ ने 15 नवंबर को यूनियन कार्बाइड इंडिया के दो पूर्व कर्मचारियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया जिन्होंने दावा किया था कि इस वेब सीरीज में उन घटनाओं का चित्रण किया गया है जिनकी वजह से त्रासदी हुई और इससे उनके प्रति पूर्वाग्रह हो सकता है। 

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याचिकाकर्ताओं में से एक उत्पादन प्रबंधक के रूप में एमआईसी संयंत्र का प्रभारी था, और दूसरा यूसीआईएल के कीटनाशक कारखाने का प्रभारी था। याचिकाकर्ताओं सत्य प्रकाश चौधरी और जे मुकुंद को मामले में दोषी ठहराया गया था। बाद में उन्होंने दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर की जो लंबित हैं। 

बता दें कि ‘द रेलवे मेन’ 2 दिसंबर 1984 की देर रात भोपाल में अमेरिकी बहुराष्ट्रीय यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन के स्वामित्व वाली फैक्ट्री से घातक मिथाइल आइसोसाइनेट गैस रिसाव पर आधारित है। दो याचिकाकर्ताओं ने इसकी रिलीज पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी। 

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बता दें कि 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी में तीन हजार से अधिक लोगों की जान चली गई थी और लाखों लोग इससे प्रभावित हुए थे। 18 नवंबर यानि आज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो रही इस सीरीज में बाबिल खान, आर माधवन और केके मेनन नजर आएंगे।

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