रायपुर- सीएसईबी चेयरमेन शैलेंद्र शुक्ला के इस्तीफे की पीछे की असली वजह कहीं आगजनी कांड तो नहीं है? दरअसल यह सवाल प्रशासनिक गलिराये में उठाए जा रहे हैं. 13 नवंबर 2019 को सीएसईबी मुख्यालय में लगी आग से जुड़ी एक रिपोर्ट में इस बात पर संदेह जताया गया है कि आग की घटना सामान्य नहीं है. जांच के दौरान सामने आए तथ्य कई तरह के संदेह की ओर इशारा करते हैं. गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने तमाम तथ्यों के आधार पर जांच प्रतिवेदन शासन को भेज दिया है, जिसमें कहा गया है कि सीएसईबी की अंतर्विभागीय जांच समिति ने किसी तरह की गलती नहीं पाई थी, जबकि रायपुर एसएसपी और एफएसएल की जांच में आगजनी के पीछे कई ठोस संदेह व्यक्त किए गए हैं. शासन को भेजी गई इस रिपोर्ट को ही चेयरमेन के इस्तीफे से जोड़कर देखा जा रहा है.
जांच समिति ने निम्न आधार पर आगजनी की घटना को संदिग्ध माना
– एसएसपी रायपुर ने अपने पत्र में निरीक्षण के दौरान सभा कक्ष में कुल 04 स्वीच बोर्ड के स्थान पाये जाने, जिसमें स्वीच बोर्ड नहीं होने, उपरोक्त स्वीच बोर्ड के तार काटे जाने के साक्ष्य पाये जाने, फॉल सिलिंग के लटके हुए तार के सिरे काटने का साक्ष्य पाये जाने का उल्लेख किया है. उपरोक्त स्वीच बोर्ड के तार क्यों एवं किस लिये काटा गया ? संदिग्ध है.
– एफएसएल के अधिकारी डॉ एसके वर्मा, द्वारा अपने रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है कि कक्ष क्रमांक 219 जहाँ पर अत्यधिक आगजनी का प्रभाव पाया गया हैं उस कक्ष के जले व अधजले सामानों को घटना स्थल से हटा दिये जाने के कारण आगजनी के संभावित कारणों का आंकलन किया जाना एवं आगजनी शुरू होने के मुख्य स्रोत के विषय में तथ्य स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. जांच समिति ने माना है कि आगजनी स्थल से जले एवं अधजले सामानों को हटाना संदिग्ध प्रतीत होता है ?
– जांच रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि उपरोक्त दोनों बिन्दुओं के आधार पर स्पष्ट है कि घटना स्थल मूल रूप में नहीं है तथा घटना स्थल में छेडछाड़ किया गया है.
– एफएसएल के अधिकारी डॉ एसके वर्मा ने अपनी रिपोर्ट दिनांक 03/01/2020 में कक्ष क्रमांक 219, कक्ष नं. 1 एवं कक्ष नं. 2 से बिजली के तार के कुछ भाग एवं पानी टंकी के नीचे से कक्ष क्रंमाक 219 के अधजले अवशेष को ज्वलनशील प्रदार्थ का भौतिक रासायनिक परीक्षण हेतु न्यायालयीक प्रयोगशाला, रायपुर को भेजे जाने हेतु निर्देशित किये जाने का उल्लेख किया गया है.