CRIME NEWS: एक निजी फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंटों ने एक दिव्यांग किसान मिथिलेश मेहता की युवा गर्भवती पुत्री मोनिका मेहता को ट्रैक्टर से कुचल डाला. गंभीर रूप से जख्मी मोनिका ने गुरुवार शाम इलाज के लिए रांची लाए जाने के दौरान दम तोड़ दिया. इस वारदात को लेकर ग्रामीणों में जबर्दस्त गुस्सा है. शुक्रवार सुबह इसकी खबर इलाके में फैली तो बड़ी संख्या में लोगों ने फाइनेंस कंपनी के दफ्तर को घेर लिया. प्रदर्शनकारी मोनिका मेहता को कुचलकर मारने वाले एजेंटों को गिरफ्तार करने और मृतका के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.

झारखंड के सिजुआ गांव निवासी दिव्यांग किसान मिथिलेश मेहता ने बताया है कि, उन्होंने महिंद्रा फाइनेंस से कर्ज लेकर सितंबर 2018 में एक ट्रैक्टर खरीदा था. कोविड के दौरान पैदा हुई परेशानियों के चलते वह कर्ज की 6 माह की ईएमआई नहीं चुका पाये थे. कंपनी की ओर से मिली नोटिस के अनुसार उन्हें ब्याज सहित 13 लाख रुपये जमा करने थे. बीते 13 सितंबर को वह 12 लाख रुपये लेकर कंपनी के हजारीबाग स्थित दफ्तर गए, लेकिन उनसे कहा गया कि अब एकमुश्त 13 लाख रुपये जमा लिए जाएंगे अन्यथा ट्रैक्टर को जब्त कर लिया जाएगा.

इसके बाद मिथिलेश घर लौटकर और पैसे जुटाने की तैयारी में जुटे थे कि 15 सितंबर को कंपनी के रिकवरी एजेंट सिजुआ स्थित एक पेट्रोल पंप पर खड़े उनके ट्रैक्टर को खींचकर ले जाने लगे. इसकी जानकारी मिलने पर मिथिलेश अपनी विवाहिता पुत्री मोनिका के साथ वहां पहुंचे तो उन्होंने रास्ते में ट्रैक्टर ले जा रहे लोगों को रोककर उनसे बातचीत की. मिथिलेश मेहता ने तत्काल रुपये जमा करने की बात कही, लेकिन वे लोग ट्रैक्टर ले जाने पर अड़े रहे. खुद को कंपनी का जोनल मैनेजर बताने वाले एक शख्स से मोनिका ने जब आईडी मांगा तो वह गुस्से में आग बबूला हो गया और उसने ट्रैक्टर चालक को उसे रौंद दिया. मोनिका बुरी तरह जख्मी हो गई. उसे पहले हजारीबाग मेडिकल कॉलेज ह़ॉस्पिटल ले जाया गया. गंभीर हालत देखते हुए उसे डॉक्टरों ने रांची के लिए रेफर कर दिया.

पुलिस ने मिथिलेश मेहता का बयान लिया है और एफआईआर दर्ज करने की तैयारी चल रही है. इस संबंध में महिंद्रा फाइनांस के स्थानीय अफसरों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल बंद पाया गया. हजारीबाग के एसपी मनोज रतन चौथे ने कहा है कि, यह बेहद गंभीर घटना है. पुलिस आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी.