लाल किले के पास हुए भीषण धमाके के बाद दिल्ली पुलिस का पूरा कामकाज बदल गया है. पहले जहां सिर्फ औपचारिक रूटीन चेकिंग होती थी, अब हर पुलिसकर्मी हमेशा अलर्ट मोड में नजर आ रहा है. सड़क के किनारे खड़ी गाड़ियां हों, भीड़भाड़ वाले बाजारों में छोड़े गए बैग हों या किसी संदिग्ध व्यक्ति की हलचल अब कुछ भी सामान्य नहीं माना जा रहा है. पुलिस लगातार गश्त बढ़ा रही है और हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर कड़ी निगरानी रख रही है.

गफ्फार मार्केट का बदल गया माहौल

टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, करोल बाग के मशहूर गफ्फार मार्केट का माहौल अब पूरी तरह बदल चुका है. बाजार में 10 नए चेतावनी बोर्ड लगा दिए गए हैं, जिन पर पुलिस का हेल्पलाइन नंबर साफ़-साफ़ चमक रहा है. कई जगह ऊंचे मचान और अस्थायी चौकियां बना दी गई हैं. हर दस मिनट में लाउडस्पीकर पर घोषणा होती है. “कोई संदिग्ध वस्तु दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें.” मोबाइल दुकानदारों को भी कड़ी हिदायत दी गई है कि किसी भी फोन की बिक्री से पहले ग्राहक की आईडी अच्छी तरह जांची जाए. एसएचओ करुणा सागर के मुताबिक, धमाके के ठीक अगले दिन सुबह से ही बाजार में सख्ती और सतर्कता बढ़ा दी गई थी.

धमाके से कोतवाली थाने में गिर गई थी छत

धमाके वाली शाम कोतवाली थाने में कांस्टेबल अनिल ओझा CCTV फुटेज देख रहे थे. तभी अचानक ज़ोरदार धमाका हुआ और थाने की छत का एक हिस्सा टूटकर नीचे आ गिरा. अनिल कहते हैं, “पहले तो लगा कि शायद कोई पेड़ गिरा है, लेकिन जैसे ही बाहर निकला, चारों तरफ से चीख-पुकार सुनाई देने लगी.”

अब रियर सीट में भी झांकते हैं पुलिसवाले

सब–इंस्पेक्टर रमेश चंद उस शाम आसपास गश्त पर थे. वे बताते हैं, “अब सब कुछ बदल गया है-गश्त का पैटर्न, निगरानी, यहां तक कि अनाउंसमेंट का लहजा भी. अब गाड़ी रोकते ही सबसे पहले रियर सीट में झांकते हैं. पार्किंग में चेकिंग दोगुनी कर दी गई है. सिक्योरिटी गार्ड्स को भी साफ निर्देश हैं कि ड्राइवर तक को HHMD से स्कैन करना है.”

डर इतना कि दुकानदार खुद फोन करने लगे

एसीपी असीष कुमार बताते हैं, “गफ्फार और अजमल खान मार्केट पहले भी संवेदनशील थे, लेकिन धमाके के बाद डर साफ नजर आ रहा था. यहां रोज़ लाखों लोग आते-जाते हैं, दर्जनों एंट्री–एक्ज़िट गेट हैं. ऐसे में हमने DFMD और HHMD चेकिंग को पहले से कहीं ज्यादा सख्त कर दिया है.”

कश्मीरी गेट पर बसों में भी अब ID चेक अनिवार्य

कश्मीरी गेट पर SI निशांत कौशल कहते हैं, “बस ड्राइवर-कंडक्टर को भी जिम्मेदारी दे दी गई है.हर यात्री का नाम-पता रजिस्टर में लिखो, आईडी चेक करो. अब कोई जोखिम नहीं लिया जा सकता.” एक सीनियर अफसर मुस्कुराते हुए कहते हैं, “संदिग्ध सामान की कॉल्स पहले से कहीं ज़्यादा आने लगी हैं. यह हमारे लिए अच्छा संकेत है. हमने दुकानदारों से कहा था. छोटी से छोटी चीज़ भी अजीब लगे तो तुरंत जानकारी दें.”

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