कपिल मिश्रा शिवपुरी। सियाचिन में भारत-चीन की सीमा पर सरहद की सुरक्षा में तैनात शिवपुरी का सपूत अमर का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपट कर वापस शिवपुरी आया। अमर की पार्थिव देह को सेना के ट्रक में पूरे राजकीय सम्मान के साथ शिवपुरी लाया गया। शिवपुरी के सपूत को तिरंगे में लिपटा देख हर आंखें नम थी। शहर की सड़कों पर उसे श्रद्धांजलि देने के लिए देर रात तक लोग इंतजार करते रहे। आंखों में आंसू होने के बाद भी हर शहरवासी अपने सपूत के बलिदान पर गर्व महसूस कर रहा था। हर किसी की जुबान पर सिर्फ यही शब्द था कि हमारा लाल अपने नाम की तरह हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो गया। बीती रात अमर का राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव खरई में अंतिम संस्कार किया गया।

30 डिग्री सेल्सियस में ड्यूटी के दौरान सेना के जवान शिवपुरी के लाल अमर शर्मा का दुःखद निधन हो गया था। शिवपुरी जिले के सिरसौद थाना क्षेत्र के खरई भाट के रहने वाले 26 वर्षीय सेना के जवान अमर शर्मा पुत्र सियाराम का हृदयगति रुकने से उस समय मौत हो गई जब वह लद्दाख के सियाचीन बॉर्डर पर -30 डिग्री सेल्सियस, बर्फ के बीचोंबीच मां भारती की सेवा में तैनात थे।

अमर शर्मा का जन्म खरई भाट में हुआ था। अमर के दो भाई सतेंद्र शर्मा (24) अरुण शर्मा (22) भी हैं। अमर के पिता पेशे से किसान हैं।अमर ने वर्ष 2015 में सेना की भर्ती परीक्षा छतरपुर में दी थी। इस भर्ती में अमर को आर्मी के लिए चुन लिया गया। अमर ने सेना की ट्रेनिंग जबलपुर के बाद उसे पहली पोस्टिंग गुवाहाटी में मिली थी। 2 वर्ष गुवाहाटी में रहने के बाद अमर की पोस्टिंग लद्दाख में कर दी गई थी, तभी से अमर शर्मा लद्दाख में रहकर देश की सीमा की रक्षा कर रहा था। अमर शर्मा की शादी दो वर्ष पहले हुई थी।

9 नवंबर को छुट्टी पर आने वाला था अमर
अमर के पिता सियाराम ने बताया कि हमार 9 नवंबर को कई महीनों बाद घर वापस आने वाला था छुट्टियों को लेकर काफी उत्साहित और जब भी समय मिलता घर पर फोन से बात करता था।

होने वाला था प्रमोशन
अमर शर्मा 9 नवंबर को छुट्टी लेकर शिवपुरी आने वाला था। अमर को 2 माह के लिए छुट्टी स्वीकृत हुई थी जिसके बाद अमर की पोस्टिंग पठानकोट में कर दी गई थी। अमर को 9 नवंबर तक ही लद्दाख में रहना था। 2 माह की छुट्टी बीत जाने के बाद अमर को पठानकोट के आर्मी बेस को ज्वाइन करना था। जहां उसे प्रमोशन भी मिलने वाला था।

अमर के ताऊ रामनिवास शर्मा के बेटे पवन शर्मा भी आर्मी में तैनात था जिसकी मौत 7 वर्ष पहले हुई थी। 2 वर्ष बाद अमर ने सेना में भर्ती होकर देश की सेवा का विकल्प चुना था और अब अमर शर्मा का छोटा भाई भी आर्मी की तैयारी कर रहा है।

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