बिलासपुर. बिलासपुर में 18 सितंबर को कांग्रेसियों पर लाठीचार्ज नहीं किया गया, पुरुष कांग्रेसी महिला आरक्षकों को धक्का दे रहे थे और पत्थराव कर रहे थे, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए धारा 46-2 के तहत कार्रवाई की गई थी. ये लिखित जवाब है तत्कालीन एसपी आरिफ शेख का, जो उन्होंने मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त कलेक्टर बीएस उइके को दिया है.

शेख ने 6 बिंदुओं में जवाब दिया है. अतिरिक्त कलेक्टर बीएस उइके की कोर्ट में गुरुवार दोपहर 2 बजे महामंत्री अटल श्रीवास्तव, विजय केशरवानी, नरेंद्र बोलर सहित 5 लोगों को बुलाया गया था. उन्होंने घटना स्थल की जांच की मांग की थी. पर स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री की समीक्षा बैठक की वजह से न जांच अधिकारी बैठे और न ही कांग्रेसी गए. जिला अध्यक्ष केशरवानी ने बताया कि सभी शुक्रवार को जांच अधिकारी के पास जाएंगे.

6 बिंदुओं में दिया लिखित जवाब

एसपी ने ड्यूटी चार्ट जानकारी दी, बताया शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर, ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी, महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने बताया था कि कांग्रेस भवन से रैली निकालकर राजेंद्र नगर चौक पहुंचेगी. यहां घेराव-प्रदर्शन होना था. पर अटल श्रीवास्तव, शैलेश पांडेय, शिवा नायडू, जावेद मेमन सहित 60-70 कार्यकर्ता पुलिस को धोखा दे गलियों से होते हुए मंत्री अमर अग्रवाल के निवास के सामने गेट पर पहुंचकर हंगामा करने लगे.  बंगले में कचरा, मिट्‌टी, चूना आदि फेंका और नारेबाजी करते हुए अभद्र टिप्पणी करने लगे. पुलिस ने रोका तो बल को गालियां देने लगे, मंत्री का नौकर, दलाल कहकर मारपीट की. इससे प्रधान आरक्षक हरनारायण पाठक व महिला आरक्षक शारदा भगत व अन्य पुलिसकर्मी चोटिल हुए. फिर कांग्रेसी राजेंद्र नगर चौक जाने लगे, यहां गिरफ्तारी का प्रयास किया तो धक्का-मुक्की कर भागकर कांग्रेस भवन जाने लगे. एएसपी नीरज चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ भवन के सामने उन्हें रोका और गिरफ्तारी देने को कहा पर अटल श्रीवास्तव व अन्य गिरफ्तारी देने से मना करने लगे. कहा-जो करना है करो, हमें जो करना था, हमने कर लिया… हिम्मत है तो गिरफ्तार करके दिखाओ. इसके बाद वे अनर्गल टिप्पणी करते हुए फोर्स को धक्का देकर भवन की ओर दौड़ गए. इसके बाद उन्हें पकड़ने के लिए एएसपी चंद्राकर ने धारा 46-2 के तहत कार्रवाई की. जवाब में ये कहा गया है कि फोर्स कांग्रेस भवन के बाहर खड़े होकर कांग्रेसियों को बार-बार गिरफ्तारी देने को कहती रही. लेकिन अटल श्रीवास्तव, नरेंद्र बोलर, रविंद्र सिंह आदि चिल्लाकर बोल रहे थे- पुलिस स्थानीय मंत्री की दलाल-नौकर है. हिम्मत है तो गिरफ्तार करो. फोर्स जबब भवन के आंगन में गिरफ्तार करने पहुंची तो कुछ ने लोग पत्थर फेंकने लगे और झूमाझटकी कर गिरफ्तारी का विरोध करने लगे. लगातार अनर्गल टिप्पणी करने पर एएसपी ने प्रधान आरक्षक हरनारायण पाठक की रिपोर्ट पर उन्हें पकड़ने की कार्रवाई की गई.

ये है पूरा मामला… देखे लाठीचार्ज का वीडियो

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