फीचर स्टोरी। 1 मार्च की तारीख छत्तीसगढ़ के इतिहास में दर्ज की जाने वाली तारीख है. यह तारीख उत्तर छत्तीसगढ़वासियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तारीखों में एक होगी. इस तारीख को बिलासपुरवासी हमेशा के लिए सूचीबद्ध कर लेंगे. क्योंकि यह तारीख हर किसी के लिए ऊँची उड़ान की है. यह तारीख वर्षों के संघर्षों के बाद आए परिणाम की है. यह तारीख बिलासपुर में एक नए आयाम की है. यह तारीख मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में रचे जाने वाले एक और किर्तीमान की है. इसलिए प्रदेशवासियों को यह तारीख हमेशा याद रहेगी.

दरअसल जिस 1 मार्च की तारीख के साथ संघर्ष, परिणाम, नए आयाम और किर्तीमान की बात हो रही है वह छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर से शुरू होने वाली हवाई सेवा से जुड़ी है. जिस घड़ी की प्रतीक्षा उत्तर छत्तीसगढ़ और विशेषकर बिलासपुरवासी कर रहे थे वह घड़ी अब अत्यंत निकट है. बिलासपुरवासियों का सपना पूरा होने वाला है. बिलासपुरवासी अब अपने शहर से ही हवाई सेवा का लाभ लेने जा रहे हैं. उन्हें हवाई यात्रा के लिए अब राजधानी रायपुर या पड़ोसी राज्यों के शहर राँची, जबलपुर, झारसुगड़ा जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बल्कि अब वे दिल्ली सहित अन्य महानगरों के लिए अपने ही शहर से उड़ान भर सकेंगे.

यह इसलिए मुमकिन हो सका क्योंकि बिलासपुरवासियों एक लंबी लड़ाई लड़ी है. वर्षों तक लगातार संघर्ष किया है. बिलासपुर से रायपुर और दिल्ली तक अपनी आवाज बुलंद की है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद संघर्ष और तेज हुआ. राज्य की भूपेश सरकार ने भी केंद्र के ऊपर दवाब बनाया. शहरवासियों की मांग को मजबूती से केंद्रीय विमान मंत्री के समक्ष रखा. स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार केंद्रीय विमान मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मिलते रहे.

सामूहिक प्रयासों का परिणाम यह है कि केंद्रीय विमान मंत्री हरदीप सिंह पुरी 1 मार्च से हवाई सेवा प्रारंभ करने की अनुमति दे दी. इसके बाद एयर एंडिया की सहायक कंपनी एलायंस एयर ने भी दो फ्लाइट बिसासपुर से दिल्ली चलाने की सहमति दे दी.

तेजी होगा उत्तर छत्तीसगढ़ का विकास

हवाई सेवा शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का आभार जताते हुए कहा है कि दिल्ली के लिए विमान सेवा शुरू होने से बिलासपुर और आसपास के अंचल की आर्थिक प्रगति, औद्योगिक विकास में सहायता मिलेगी, जनता को कम लागत वाली हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध होगी.

कार्गो सेवा का विस्तार

वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में कार्गो हव की सुविधा देने की मांग भी की थी. इस पर भी केंद्रीय मंत्री आवश्यक कार्यवाही के निर्देश भारतीय विमान प्राधिकरण को दे दिए हैं.

इस तरह से होगा संचालन

बिलासपुर से दिल्ली के लिए एटीआर 72 एयरक्राफ्ट की दो फ्लाईट सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और रविवार को संचालित होगी.

पहली फ्लाईट दिल्ली से रवाना होकर जबलपुर होते हुए अपरान्ह 3.20 बजे बिलासपुर पहुंचेगी और 3.45 बजे बिलासपुर से प्रयागराज होते हुए वापस दिल्ली लौटेगी. (दिल्ली-जबलपुर-बिलासपुर (1520-1545)-प्रयागराज-दिल्ली).

दूसरी फ्लाईट दिल्ली से प्रयागराज होते हुए शाम 4 बजे बिलासपुर पहुंचेगी और 4.30 बजे बिलासपुर से जबलपुर होते हुए दिल्ली जाएगी (दिल्ली-प्रयागराज-बिलासपुर (1600-1630)-जबलपुर-दिल्ली).

फ्लाइट के लिए एयर इंडिया की सहायक कंपनी एलायंस एयर ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है.

ऐसा है बिलासपुर का चकरभाठा हवाई अड्डा

बिलासपुर का चकरभाठा हवाई अड्डा शहर से 9 किलोमीटर दूर रायपुर मार्ग हाईकोर्ट के समीप है. यहाँ 1980 से ही हवाई पट्टी है. वर्तमान में हवाई अड्डा अब पूर्ण से विकसित है. केंद्र की ओर से चकरभाठा हवाई अड्डा को 3-सी कैटेगरी का लाइसेंस मिल चुका है. 4-सी लाइसेंस के लिए प्रयास जारी है. वर्तमान रन-वे 1500 मी. का है. 4 सी कैटेगरी लाइसेंस के लिए रन-वे की लंबाई 2600 मी. और चौड़ाई 45 मीटर की शर्त है. साथ ही रात्रिकालीन उड़ानों के लिए डीवीआर समेत अन्य जरूरी उपकरण के साथ 270 यात्रियों से अधिक क्षमता वाला भवन, वेटिंग हॉल, लाउंज, पार्किंग एरिया आदि की आवश्यकता चाहिए. वर्तमान में चकरभाठा एयरपोर्ट के पास करीब 380 एकड़ जमीन है. लेकिन 4 सी कैटेगरी के अनुरूप विकसित करने के लिए करीब 100 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी. यह जमीन सेना से लेनी होगी.

राज्य सरकार अब तक खर्च चुकी है 21 करोड़

चकरभाठा हवाई अड्डे के विकास के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. सरकार ने 45 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी है. इसमें अब तक 21 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.

1980 में वायुदूत सेवा की हुई थी शुरुआत

1980 में चकरभाठा से रायपुर और भोपाल तक वायुदूत सेवा शुरू हुई थी, उस समय भी यात्रियों की संख्या ठीक-ठाक थी. हालांकि अधिक दिनों तक यह सेवा बरकरार नहीं रही. मध्यप्रदेश से अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में इस पुराने हवाई अड्डे से फिर सेवा शुरू करने की मांग जोर पकड़ी और 20 साल बाद शहरवासियों की मांग अब जाकर पूरी हुई है.

बिलासा बाई केंवटिन के नाम पर है हवाई अड्डा

वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुरवासियों की भावना के अनुरूप चकरभाठा हवाई अड्डे का नाम प्रदेश की महान विभूति बिलासा बाई केंवटिन के नाम पर रखने की घोषणा की थी. अब 1 मार्च से चकरभाठा हवाई अड्डे को इस नाम से ही जाना जाएगा.

उद्योग-व्यापार और रोजागार

बिलासपुर से मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, नागपुर के लिए हवाई सेवा शुरू हो तो उद्योग और व्यापार को नई दिशा मिलेगी. दवा कंपनियों के साथ-साथ अन्य तरह के कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के डिपो स्थापित होंगे. इससे लोगों को रोजगार मिलेगा. नए-नए व्यापार खुलेंगे। सीवेज की वजह से बिलासपुर की गिनती देश के चुनिंदा शहरों में होने लगी है. इसका काम लगभग पूरा हो चुका है.

संघर्ष समिति ने जताया आभार

हवाई सेवा शुरू होने पर बिलासपुरवासियों और जन संघर्ष समिति के सदस्यों ने छत्तीसगढ़ सरकार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का आभार जताया है.