रायपुर– संजीवनी 108 व महतारी एक्सप्रेस 102 के बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने आज जीवीके कंपनी के ऑफिस में जमकर प्रदर्शन किया. क्रांति सेना ने जीवीके कंपनी के हेड लिंगराज दास से मुलाकात कर कर्मचारियों को बहाल करने की चेतावनी दी. क्रांति सेना ने कहा कि कंपनी दूसरे प्रदेश के लोगों को भर्ती कर सेवाएं ले रही है, जबकि स्थानीय लोगों को काम ले निकाल दिया. वहीं कंपनी का कहना है कि आपातकालीन सेवा है इसलिए बाहर के लोगों की भर्ती किया गया. लेकिन श्रम नियम के उल्लंघन के बारे में कुछ नहीं कहा. क्रांति सेना के प्रदर्शन की सूचना के बाद मौदहापारा पुलिस भी मौके पर पहुंची.

सोमवार दोपहर को छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल के नेतृत्व में बर्खास्त कर्मचारी एकत्र हुए और नारेबाजी करते हुए जीवीके कंपनी के ऑफिस में प्रवेश किया. और वहां आग लगे हे आग, भाग परदेशियां भाग की नारेबाजी कर जमकर भड़ास निकाली. कर्मचारियों का आरोप है कि 9 महीने बीत जाने के बाद भी कंपनी ने ज्वाईनिंग नहीं दी. इससे घर चलाना मुश्किल हो गया है.

अमित बघेल ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़िया कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया और बहाली की बात करने पर कहते है कि आज लेंगे कल लेंगे कर रहे हैं, और दूसरे प्रदेश के लोगों को भर्ती कर रहे हैं. यहां के लोग जो सेवा दे चुके हैं, अपनी मांग के लिए हड़ताल करना कोई असंवैधानिक नहीं है. संवैधानिक रूप से इन्होंने हड़ताल की थी.

पिछली सरकार ने इन्हें प्रताड़ित किया  और वर्तमान सरकार भी वादाखिलाफी कर रही है. जीवीके से पूछने आये थे कि इनका निदान कब होगा. महिलाओं को रात में ड्यूटी कराकर उन्हें एम्बुलेंस में सोने को मजबूर करते हैं. यह अमानवीय है,  जो कर्मचारी छत्तीसगढ़ के लोगों की सेवा कर रहे हैं. उन्हीं लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. चर्चा करने आये थे तो सीधे रूप में कह दिया कि यह मेरे बस की बात नहीं है.

8 घंटे ड्यूटी है और 12 घंटे का काम कराते हैं. सरकार भी बताये इनके खिलाफ हो रहा अत्याचार कब रुकेगा. मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे और उनसे पूछेंगे कि आप इनके आंदोलन को समर्थन देने पहले आए थे तो इनकी समस्या कब दूर होगी. लेबर कोर्ट की बात करते हैं या कलेक्टर दर तो देनी चाहिए, एक महीने के भीतर अगर न्याय नहीं हुआ तो जोरदार आंदोलन होगा. जरूरत पड़ेगी तो नेशनल हाइवे भी जाम करेंगे, जेल भी जाना पड़ेगा तो जाएंगे.

जीवीके के छत्तीसगढ़ हेड लिंगराज दास का कहना है कि इस विषय में हमें कोई सूचना नहीं थी. अचानक आफिस आये, पुराने जो कर्मचारी है जो अभी सिस्टम में नहीं है, उनके बारे में बात कर रहे थे कि वापस ज्वा इनिंग दे. आपातकालीन सेवाएं हैं इसका हमें संचालन करना है. उसके लिए अगर 6, 7 महीने तक अगर कोई व्यक्ति काम नहीं करेगा तो जाहिर सी बात है कि उनके जगह दूसरे व्यक्ति लाना पड़ेगा. हमारे पास जैसे वैकेंसी आ रही है हम पुराने कर्मचारियों की भी मदद कर रहे हैं. लेकिन उनका कहना है कि अभी ले, ऐसा पॉसिबल नहीं है.

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