सतोष राजपूत, डोंगरगढ़. विकास की जिम्मेदारी जिन विभागों को दी गई है, यदि वो खुद ही खराब औऱ कीचड़ से सने सड़कों पर चले तो और इसे सुधरवा न सके तो विकास कैसे होगा. दरअसल ऐसा ही मामला डोंगरगढ़ विकासखण्ड के वीआईपी रोड़ से निकलकर सामने आय़ा है. जहां के विकास का जिम्मा जिस विभाग के हाथों सौंपी गई है. वहीं विभाग के सामने की सड़क का हाल बेहाल है. इस सड़क को देखकर आप अंदाजा लगा सकते है कि ऐसे में डोंगरगढ़ का विकास कैसा होगा. जो खुद ही इन सड़कों से गुजरते रहते है औऱ फिर भी इसकी मरम्मत नहीं करा पा रहे है.
दरअसल छत्तीसगढ़ की धर्म नगरी डोंगरगढ़ जहां विश्व प्रसिद्ध माँ बम्लेश्वरी देवी का भव्य मंदिर, बौद्ध मंदिर, जैन मंदिर, क्रॉस पहाड़ी जहा हर वर्ष लाखों भक्त आते है. जिसे सौन्दरता के नाम पर पर्यटन स्थल घोषित किया गया है. लेकिन यहां पर्यटन स्थल जैसा माहौल नजर नहीं आता है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शासन-प्रशासन के आला अधिकरियों की सोच इतनी छोटी हो गई है कि उनको मात्र वेतन और नेताओं को कुर्सी ही नजर आ रहे है. हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि जिनके कंधे पर सड़कों का भार है उनके ही विभागों के सामने के रास्ते का हाल बेहाल है. बारिश आते ही सड़क में पानी भर जाता है. और सड़क गढ्ढों औऱ कीचड़ में तब्दील हो जाता है.
यह नजारा वी आई पी रोड़ का है. जहां अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, जनपद पंचायत, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व निरीक्षक कार्यालय के साथ यह कोर्ट व रेस्ट हाऊस तक जाता है. वही डोंगरगढ़ के विधायक सरोजनी बनजारे का विधायक निवास भी यहीं से लगा हुआ है. जहां प्रतिदिन हजारों नागरिक अपने काम को लेकर सम्बंधित विभाग तक इन कीचड़ों के बीच से होकर ही गिरता पड़ता पहुंचता है. इसके बावजूद अधिकारी इन रास्तों को सुधारने की बजाय समस्याओं को नजर अंदाज कर सरकारी गाड़ी में बैठकर निकल जाते है.
यह वी आई पी सड़क महज 100 मीटर के करीब होगा. इसी रास्ते में सभी विभाग है. जहां सड़कों पर गढ्ढे हो गए है, पर बरसात के समय पानी भरने से खतरनाक हो गया है. इस सड़क पर हादसे का शिकार हो चुके है. पूरा सड़क गढ्ढों में तब्दील हो गया है. आप-पास सफाई नहीं होने से कीचड़ हो रहा है. ऐसा नहीं है कि यह समस्या अभी का है फिर भी अब तक अधिकारी ध्यान ही नहीं दे रहे है.
अधिकारी इसलिए ध्यान नहीं देते कि यह समस्या तो आम नगरिकों का है. यहां तक की जिस विधायक का कार्यकाल पूरा पांच साल पूरा होने जा रहा है वो भी इस सड़क को नहीं सुधरवा पा रहे है. यहा पहुंच रहे लोगों का कहना है कि उनकी मजबूरी है इन रास्तों से बच्चों से लेकर बड़ों तक को गुजरना पड़ता है. शिकायत के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.