CG NEWS: अजय सूर्यवंशी, जशपुर. जिले में शिक्षा विभाग के स्कूल और छात्रावास की जर्जर छत और टूटी दीवारों के चलते स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डाल कर रहना पड़ रहा है. बगीचा विकास खंड में कलिया गांव का आश्रम छात्रावास मे छत की बदहाली के कारण ऊपर प्लास्टिक ढ़ककर बच्चों को रखा गया है.

बता दें कि, ग्राम पंचायत ने आश्रम और स्कूल की जर्जर हालत को देखते हुए प्रशासन के पास नए भवन का प्रस्ताव भेजा है. लेकिन लम्बे समय से इसकी स्वीकृति नहीं मिल पाई है. इन दिनों लगातार हो रही है. बरसात के मौसम में किसी बड़े हादसे का अंदेशा को देखते हुए ग्राम पंचायत ने आश्रम के सभी 40 बच्चों को एक छोटे कमरे में शिफ्ट कर दिया है. लेकिन यहां महज 14 बैड रखने की ही व्यवस्था होने से एक बिस्तर पर दो या तीन बच्चों को रहना पड़ रहा है.

वहीं इन बच्चों के लिए पंखे और अन्य सुविधाओं का भी अभाव होने से सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर ही सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. इसी तरह की जर्जर हालत कलिया गांव में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय की भी है. यहां के दो स्कूलों को एक भवन में मर्ज कर इकलौते शिक्षक से ही काम चलाया जा रहा है.