कोंडागांव। प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की तस्वीरें अक्सर आते ही रहती है. इन इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं सरकार के लिए भी किसी चुनौती से कम भी नहीं है लेकिन इसके बावजूद कई कर्मी ऐसे भी हैं जो कि बेहतर कार्य कर रहे हैं.
हम बात कर रहे हैं 102 महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारियों की जिन्होंने ऐसे दुर्गम इलाके में जाकर एक महिला की डिलीवरी कराकर मां और बच्चे दोनों की जान बचाई. मामला मर्दापाल के ओलेझरपारा कांगा का है. यहां रहने वाली 25 वर्षीय जयंती बाई यादव को लेबर पेन उठने के बाद महतारी एक्सप्रेस को सूचना दी गई.
लेकिन इलाका काफी दुर्गम और रास्ता विहीन होने की वजह से गाड़ी का गांव तक पहुंचना संभव नहीं था. लिहाजा ईएमटी(Emergency medical technician) अजय कुमार निर्मल और ड्रायवर प्रकाश सिंह ने नाले के पास गाड़ी खड़ी कर दी. जिसके बाद दोनों 3 किलोमीटर अंदर पगडंडियों में चलते हुए गांव पहुंचे. गांव से प्रसूता को गाड़ी तक ले कर पहुंचना भी उनके लिए किसी चुनौती से कम भी नहीं थी.
उनके पास मरीज को गाड़ी तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर भी मौजूद नहीं था. जिसके बाद उन लोगों ने ग्रामीणों की सहायता से मरीज को कुर्सी में बैठा दिया और कांवड़ की तरह उसे लेकर गाड़ी तक पहुंचे और मर्दापाल स्थित स्वास्थ्य केन्द्र ले जाकर डिलीवरी कराई. जिसमें मां और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं.