अमृतसर. एसजीपीसी के अध्यक्ष धामी ने विदेश मंत्रालय से कहा – शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कतर में भारत के राजदूत विपुल से पुनः अनुरोध किया है कि वे दोहा, कतर में पुलिस के पास रखे हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सिख समुदाय को वास्तविक स्थिति से अवगत कराएं.


शिरोमणि कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि हाल ही में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने एक बयान में कहा था कि दोहा पुलिस के पास मौजूद एक पावन स्वरूप वापस प्राप्त कर लिया गया है, जबकि दूसरे के बारे में कार्यवाही जारी है. लेकिन शिरोमणि कमेटी को इस बारे में पुष्टि हुई है कि दोनों ही पावन स्वरूप अभी भी दोहा पुलिस के पास ही हैं.


शिरोमणि कमेटी के प्रधान ने कहा कि भारत सरकार सिख भावनाओं से जुड़े इस मामले में अस्पष्ट बयान न दे, बल्कि संजीदा प्रयास कर पावन स्वरूपों को सम्मान सहित वापस लाए. उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी विदेश मंत्रालय के प्रयासों का सम्मान करती है, लेकिन सिख संगत में भ्रम उत्पन्न करना भी उचित नहीं है.
धामी ने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार दोहा में दो पक्षों से तीन पावन स्वरूप पुलिस ने अपने पास रखे थे, जिनमें से दो अभी भी पुलिस के पास ही हैं.


उन्होंने कहा कि सरकार का प्रतिनिधि जिस एक पावन स्वरूप की वापसी की बात कर रहा है, वह तो कई महीने पहले ही संबंधित सिखों द्वारा प्राप्त कर लिया गया था. जबकि दो अन्य पावन स्वरूप अभी भी दोहा पुलिस के पास हैं, जिनमें से कोई भी वापस नहीं किया गया है.
शिरोमणि कमेटी के प्रधान ने भारत के विदेश मंत्री से इस मामले की पूरी जानकारी प्राप्त कर, पूरी पारदर्शिता के साथ संगत के सामने रखने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि सरकार के विदेश मंत्रालय की यह जिम्मेदारी है कि वह इस गंभीर मामले की गहराई से जांच कराए और सिख समुदाय को वास्तविक स्थिति से अवगत कराए.