कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल का जोर का झटका धीरे से लगने वाला है। विद्युत वितरण कंपनियां फिर 10.2% टैरिफ बढ़ाने जा रही है।

अस्वीकृत करने के बावजूद नए घाटे में जोड़ा गया

दरअसल 6 हजार 44 करोड़ का घाटा बताकर टैरिफ बढ़ाने की तैयारी है। 6 हजार 44 करोड़ में पिछला 12 साल पुराना 3451 करोड़ का घाटा जोड़ा गया है। 3451 करोड़ घाटे की राशि को आयोग अस्वीकृत कर चुका है। 3451 करोड़ अस्वीकृत करने के बावजूद उसे नए घाटे में जोड़ा गया है। बढ़े हुए बिजली के दर अप्रैल 2026 से लागू होंगे

आपत्ति बुलाने के तरीके पर भी लोगों की आपत्ति

टैरिफ बढ़ाने के पहले विद्युत नियामक आयोग आपत्ति मंगवाता है। इस बार हाइब्रिट तरीके से आपत्ति मंगवाई जा रही है।हाइब्रिट में या तो ऑनलाइन आपत्ति या फिर भोपाल जाकर आपत्ति देनी होगी। आपत्ति बुलाने के तरीके पर भी लोगों की आपत्ति है। जानकारों का कहना ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपभोक्ता ठीक से अपनी बात नहीं रख पाता है। दूसरे शहरों में जाकर आपत्ति दर्ज करवाना महंगा काम है।

राजेंद्र अग्रवाल, बिजली मामलों के जानकार

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