रायपुर/भिलाई। भिलाई के बीएमवाई रेलवे यार्ड पर अचानक तेज सायरन गूंजते ही यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. कुछ ही पलों में स्टेशन के हर प्लेटफॉर्म पर भारी सुरक्षा तैनात कर दी गई और रेलवे–NDRF की टीमें एक बड़े ऑपरेशन में जुट गईं. कुछ ही देर में यह साफ हुआ कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे और NDRF की संयुक्त टीम ने भिलाई के बीएमवाई यार्ड में रेल हादसे जैसी स्थिति बनाकर हाई-इंटेंसिटी मॉक ड्रिल शुरू की, जिसमें आग, डिरेलमेंट और रेस्क्यू का रोमांचक अभ्यास किया गया.

रेलवे प्रशासन की नियमित प्रक्रिया के तहत यह अभ्यास कर्मचारियों को आपदा की वास्तविक परिस्थितियों में किए जाने वाले राहत एवं बचाव कार्यों के तौर-तरीकों से अवगत कराने के लिए आयोजित किया गया. आपदा की स्थिति में ART (Accident Relief Train), ARMV (Accident Relief Medical Van) टीम और स्थानीय नागरिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

कैसे हुआ मॉक ड्रिल का संचालन

यह संयुक्त मॉक ड्रिल NDRF की कटक स्थित मुंडाली बटालियन, रायपुर मंडल संरक्षा विभाग, ART/ARMV टीम और सिविल डिफेंस के संयुक्त प्रयास से आयोजित की गई. आयोजन में रेलवे की मेडिकल टीम, वाणिज्य, मैकेनिकल, दूरसंचार, इलेक्ट्रिकल सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ शासन और भिलाई स्टील प्लांट के अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस, स्थानीय पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल की भी व्यापक व्यवस्था की गई थी.

डेराइल कोच, आग और रेस्क्यू—वास्तविक परिस्थितियों का निर्माण

ड्रिल में कोच डिरेलमेंट और सवारी डिब्बे में आग लगने जैसी स्थितियों का वास्तविक स्वरूप में निर्माण किया गया.

  • यात्रियों को कोच काटकर निकालने की आधुनिक तकनीक
  • आग बुझाने के विभिन्न तरीके
  • घायलों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की प्रक्रिया

इस मॉक ड्रिल के दौरान प्राथमिक उपचार केंद्र, शव गृह, अधिकारी कक्ष, मीडिया केंद्र, पूछताछ केंद्र, दूरभाष केंद्र, नागरिक सुरक्षा सहायता केंद्र, ART, NDRF कैंप और RPF सहायता केंद्र भी स्थापित किए गए. RPF के डॉग स्क्वॉड और बम निरोधक दस्ते ने बम जांच प्रक्रिया का प्रदर्शन भी किया.

अपर मंडल रेल प्रबंधक ने किया निरीक्षण

अपर मंडल रेल प्रबंधक बजरंग अग्रवाल ने मौके पर पहुंचकर सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और आपदा प्रबंधन की तैयारियों की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि रेलवे हमेशा वास्तविक आपदाओं से निपटने के लिए तत्पर रहता है.

उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि ऐसे मॉक ड्रिल नागरिकों को आपात स्थिति में राहत कार्यों के बारे में जागरूक करते हैं. साथ ही उन्होंने अपील की कि आम नागरिक भी आपदा के समय रेस्क्यू टीमों का सहयोग करें.

इन अधिकारी-कर्मचारियों की रही उपस्थिति

मॉक ड्रिल में अपर मंडल रेल प्रबंधक बजरंग अग्रवाल, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी सुरेश चंद्र, मंडल वाणिज्य प्रबंधक राकेश सिंह, NDRF के डिप्टी कमांडेंट लिटन बिश्वास, सब इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार, सिविल डिफेंस सदस्य, स्काउट-गाइड दल, संरक्षा सलाहकार, सुपरवाइजर्स, रायपुर मंडल के शाखा अधिकारी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक मौजूद रहे.

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