दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने राजधानी के सरकारी स्कूलों में फर्नीचर की कमी दूर करने के लिए तिहाड़ सेंट्रल जेल फैक्टरी से 10,000 डुअल डेस्क खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह फैसला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बेहतर होगा, बल्कि तिहाड़ जेल के कैदियों के लिए रोजगार और पुनर्वास के नए अवसर भी पैदा होंगे।

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि यह खरीद केंद्र सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा तीसरे राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन में दिए गए निर्देशों के अनुरूप है। सम्मेलन में कैदियों के पुनर्वास और उन्हें उत्पादक गतिविधियों से जोड़ने पर विशेष जोर दिया गया था।

10,000 डेस्क की अनुमानित लागत

मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी 10,000 डुअल डेस्क जीएसटी सहित प्रस्तावित दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इनकी कुल अनुमानित लागत 8 करोड़ 95 लाख 40 हजार रुपए तय की गई है, जिसमें ढुलाई और अन्य खर्च भी शामिल हैं। इस खरीद के लिए शिक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में पहले ही 20 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, जो फर्नीचर और अन्य आवश्यक सामग्रियों की खरीद के लिए रखा गया है।

बाजार की तुलना में ज्यादा किफायती

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह पहल कैदियों के पुनर्वास, सुधार और समाज में पुनर्स्थापना के उद्देश्य को पूरा करेगी। तिहाड़ जेल द्वारा निर्मित डेस्क की गुणवत्ता पीडब्ल्यूडी के फर्नीचर के बराबर है और यह बाजार मूल्य की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत सस्ता विकल्प है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय छात्रों को बेहतर शैक्षिक सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ तिहाड़ जेल में कैदियों के लिए कौशल विकास और रोजगार का सशक्त माध्यम भी बनेगा। इस पहल से शिक्षा और सामाजिक सुधार दोनों क्षेत्रों में मजबूती आने की उम्मीद है।

स्कूलों में डुअल डेस्क की कमी

शिक्षा मंत्री आशीष सूद के अनुसार, दिल्ली सरकार राजधानी में कुल 1,086 सरकारी स्कूल संचालित करती है। हाल के वर्षों में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ने और नई कक्षाओं के निर्माण के चलते डुअल डेस्क की कमी सामने आई। उन्होंने बताया कि वास्तविक आवश्यकता का आंकलन करने के लिए अप्रैल में एक विशेष सर्वे अभियान चलाया गया, जिसमें स्कूल प्रमुखों, जिला उपनिदेशकों और क्षेत्रीय निदेशकों से रिपोर्ट मंगवाई गई।

इस सर्वे के बाद 127 स्कूलों के लिए 23,321 डुअल डेस्क की आवश्यकता सामने आई। इसके अलावा अन्य स्कूलों ने भी डेस्क की मांग की, जिससे कुल जरूरत लगभग 25,000 डेस्क तक पहुंच गई। शिक्षा मंत्री ने बताया कि इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए पहले चरण में 10,000 डेस्क खरीदने का फैसला लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि डेस्क की खरीद प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी।

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