शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कार्यशाला में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि- समाज स्कूल- कॉलेज का संचालन करें और सरकार वेतन बांटे। पुराने समय में भी यही व्यवस्था थी तब गांव स्कूल और कॉलेज का संचालन करते थे। शिक्षा व्यवस्था सुविधा सब कुछ बेहतर दुरुस्त हुआ करता था। सरकार तो 30- 40 साल पहले से स्कूलों का प्रबंध का काम कर रही है। पुरानी व्यवस्था पर काम करना होगा तभी शिक्षा व्यवस्था दुरस्त होगी।

शिक्षा विकसित होगी तो भारत विकसित होगा

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- राष्ट्रीय शिक्षा नीति का यह पांचवा साल है। अग्रणी राज्य रहा है मध्य प्रदेश। शिक्षा नीति में अच्छा काम किया है। कई नए प्रयोग भी मध्य प्रदेश कर रहा है। प्रदेश की युवा आबादी लगभग दो करोड़ है। 25 साल तक की आबादी लगभग आधी मानिए। यह प्रदेश के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण समय है। उन्हें आगे जिम्मेदार नागरिक बनाना वैश्विक नागरिक बनाना ऐसी तैयारी मध्यप्रदेश कर रहा है। नौकरी करने नहीं नौकरी देने की मनोस्थिति की ओर ले जा रहा है। 2047 तक देश को विकसित करना है। यदि मध्यप्रदेश विकसित होगा तो भारत विकसित होगा, शिक्षा विकसित होगी तो भारत विकसित होगा।

न्यूट्रिशन मिल जाए तो फिर अब्दुल कलाम निकल सकता

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने राज्य सरकार से निवेदन किया और कहा- बहुत सारे स्कूलों में कार्यक्रमों के गुलदस्ता दिया जाता है। एक के बाद एक लाइन लगी रहती है। एक गुलदस्ता का मूल्य कम से कम 500 रुपए है। इसके स्थान पर फलों की टोकरी दे दी जाए। 50 लाख ऐसे बच्चे होंगे जो 5वीं क्लास से नीचे होने के बाद कई फलों को परिस्थितिवश नहीं देख पाए होंगे। काजू मिले, किशमिश मिले, फल मिले कुछ न्यूट्रिशन (पोषण) मिल जाए तो फिर अब्दुल कलाम निकल सकता है। आज हम आत्मनिर्भर निरोग्य बहुत सारी बातों पर विचार कर रहे हैं लेकिन जब तक पढ़ाई मजबूत न होगी छात्र मजबूत ना होंगे तो यह सब बातें कैसे संभव है यह सोचना होगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का राज्यपाल ने समर्थन किया

कार्यशाला में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा- गुजरात में स्कूल में फल देने की परंपरा है, इससे बहुत सारे बच्चों को फल मिल जाते या आंगनबाड़ी में बच्चों को विटामिन मिल जाता। बच्चों के चेहरों पर भी लालिमा आई। दूसरी बात यह कि शिक्षक के हवाले ही बच्चों का भविष्य नहीं है। परिवार के साथ माता पिता की बड़ी जिम्मेदारी होती है। समय के साथ इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। शिक्षा नीति 2020 जो बनी है उसे समझना होगा।

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