धमतरी। शहीद वीर नारायण सिंह की शहादत दिवस पर धमतरी जिले के सरहदी इलाके राजाराव पठार में आयोजित होने वाले वीर मेले के दूसरे दिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया, राजसभा सासंद फूलोदेवी नेताम, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद, धमतरी विधायक रंजना साहू सहित तमाम दिग्गज आदिवासी नेता शामिल हुए. सभी नेताओं ने मंच से शहीद वीरनारायण सिंह के योगदान को याद किया और समाज के हितों पर बात की.

शहीद भगत सिंह के शहादत दिवस पर बस्तर रोड स्थित राजाराव पठार में 3 दिनों तक वीर मेला का आयोजन किया जाता है. यहां कांकेर, धमतरी, बालोद जिला के आदिवासी समाज के लोग और आस पड़ोस गांव के देवी देवता, डांग डोरी, आंगा देवता शामिल होते है. इसके साथ ही शहीद वीरनारायण सिंह को याद करते हुए पूजा पाठ कर वीर मेला का त्यौहार मनाते है.

करीब 3 दिन तक चलने वाले इस मेले में आदिवासी लोक कला संस्कृति की अमिट छाप दिखाई देती है. इसके साथ ही स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति, आदिवासी प्रतिभाओं का सम्मान और आदिवासी महापंचायत का आयोजन किया जाता है. जहां आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों पर चर्चा करते है.

इस मौके पर प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि वीर मेला आदिवासी समाज की जागरूकता को प्रदर्शित करता है जो समाज संगठित होकर संघर्ष करता है, उन्हें सफलता भी मिलती है. आदिवासी समाज ने जो भी मांग किया है सरकार ने उन्हें गंभीरता से लिया है. वही महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि सोनाखान में दफ्न शहीद वीर नारायण सिंह की वीरगाथा को याद करके ऐसा लगता है कि शहीद वीर नारायण सिंह के हम वंशज थे इसलिए हम सब वीर कहलाते है.

आयोजन समिति के संयोजक शिशुपाल शोरी ने बताया कि राजाराव पठार तीन जिलों के संगम के साथ पवित्र स्थल भी है. इसलिए यहां वीर मेले के साथ देव मड़ई का भी आयोजन किया जाता है यहां आदिवासी अपनी समस्या और सामाजिक व्यवस्था पर चर्चा करते है. कार्यक्रम में पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने समाज बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पेशा कानून लागू कर आदिवासियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा कर किया है अब सरकार इस कानून के सफल क्रियान्वयन को लेकर संजीदा है.