कांकेर। कांकेर जिले के बिनागुंडा गांव के जंगल में शुक्रवार को नक्सली हमले में शहीद हुए डीआरजी जवान का पूरा सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद जवान का नाम मोहित पटेल है. घटना कल की है गश्त पर निकले पुलिस दल पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. तकरीबन आधे घंटे तक दोनों तरफ से गोलीबारी होती रही. इसी गोलीबारी में मोहित शहीद हो गया वहीं कई माओवादियों के घायल होने की बात भी कही जा रही है. शनिवार सुबह उसके पार्थिव शरीर को  पुलिस लाइन लाया गया, जहां उसे अंतिम सलामी दी गई.

पुलिस लाइन में शहीद जवान को बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा, डीआईजी रतनलाल डांगी, एसपी कन्हैयालाल ध्रुव समेत वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. उसके बाद शहीद जवान के शव को हेलीकॉप्टर से उनके गृहग्राम बइहा-साल्हेभाट रवाना किया गया.

आईजी पुलिस विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि मोहित पटेल ने नक्सलियों से बहादुरी पूर्वक लोहा लेते हुए कर्तव्य की बलिवेदी पर शहीद हुए हैं और इसके पूर्व भी माओवादियों के खिलाफ अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. पूरे बस्तर और छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए गौरव की बात है. बस्तर आईजी ने माओवादियों से एक बार फिर अपील करते हुए कहा कि समाज के मुख्यधारा से भटक गए लोग विकास के मार्ग में बाधक बने हुए है वे शासन की योजनाओं का लाभ उठायें और राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़़कर समाज के विकास में योगदान दें.

पुलिस में भर्ती से पहले था नक्सली

जिस जवान की शहादत पर आज पूरा गांव उसे सलाम कर रहा है कभी वह खुद भी नक्सलियों की टीम का हिस्सा था. तकरीबन 15 साल तक वह माओवादियों के साथ जंगलों में भटकता रहा. उसके पिता के अनुसार मोहित रास्ता भटककर माओवादी बन गया था लेकिन घरवालों की समझाईश के बाद सन् 2014 में वह हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गया था. वह सहायक आरक्षक के तौर पर पुलिस विभाग में कार्यरत था.