रामकुमार यादव, सरगुजा। छत्तीसगढ़ सरकार ने हसदेव अरण्य में प्रस्तावित कोयला खनन परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी दे दी है। वन विभाग ने केते एक्सटेंशन ओपन कास्ट कोल माइनिंग और पिट हेड कोल वॉशरी प्रोजेक्ट के लिए 1742.60 हेक्टेयर वन भूमि को गैर–वन प्रयोजन के लिए डायवर्ट करने की अनुशंसा की है। यह अनुशंसा केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजी गई है।
केंद्र से अंतिम अनुमति मिलने के बाद 17 हेक्टेयर संरक्षित जंगल में लाखों पेड़ों की कटाई के बाद खनन होगा। राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को माइनिंग के बाद कोयला दिया जाएगा। वहीं इस आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कांग्रेस राज्य की जनता के साथ मिलकर इस मंजूरी का भरपूर विरोध करेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर पर्यावरण मंजूरी के आदेश की प्रति पोस्ट कर सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने भारी विरोध के बावजूद केते एक्सटेंशन के लिए वन एवं पर्यावरण की मंजूरी दे दी है। मतलब यह कि 1700 हेक्टेयर जंगल की कटाई होगी। ऐतिहासिक महत्व वाली रामगढ़ की पहाड़ियों पर खतरा मंडराता रहेगा। इस आदेश से साबित हो गया कि भाजपा को जनता और जनहित की कोई चिंता नहीं है। कांग्रेस राज्य की जनता के साथ मिलकर इस मंजूरी का भरपूर विरोध करेगी।


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