सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने नई रणनीति बनाते हुए अपनी मांगों को लेकर तीन चरणों में मोर्चा खोल दिया है. पहले चरण में 20 से 30 अगस्त तक मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और प्रमुख सचिव शिक्षा को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाएंगे. दूसरे चरण में 9 सितंबर को 28 जिलों में कलेक्टर को ज्ञापन सौपेंगे. तीसरे चरण में 18 से 25 सितंबर को मंत्री, सांसद, विधायक, संसदीय सचिव और अन्य जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया जाएगा. यह निर्णय प्रान्तीय प्रबंधकारिणी सभा के बैठक में लिया गया है. प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने शिक्षक संवर्ग को पदोन्नति देने और सहायक शिक्षक संवर्ग को भी समयमान वेतनमान स्वीकृत करने की मांग लंबे समय से कर रही है. सरकार ने यदि कोई फैसला नहीं लिया या हल नहीं निकाला, तो राज्यव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.

फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने बताया कि राज्य में प्राचार्य के स्वीकृत 4617 पदों में कार्यरत 1797 एवं रिक्त 2828 हैं. व्याख्याता के 47874 में कार्यरत 38252 रिक्त 9622 हैं. शिक्षक के 57283 में कार्यरत 41315 रिक्त 15968 हैं. प्रधानपाठक मिडिल 13116 में कार्यरत 7401 रिक्त 5715 हैं. व्यायाम शिक्षक 2541 कार्यरत 1151 रिक्त 1390 हैं. सहायक शिक्षक 82748 में कार्यरत 75604 रिक्त 7144 हैं. सहायक शिक्षक विज्ञान में 8052 कार्यरत 4017 रिक्त 4035 हैं. प्रधानपाठक प्राथमिक 30328 में कार्यरत 9650 रिक्त 20678 है. भृत्य 23995 में कार्यरत 9422 रिक्त 14573 हैं.

पदाधिकारियों का कहना है कि अनुकंपा नियुक्ति के अनेक मामले लंबित हैं. नियमानुसार सहायक शिक्षक विज्ञान एवं सहायक शिक्षक के रिक्त पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दिया जा सकता है. स्कूलों में भृत्य की कमी है,14573 पद रिक्त है. अनुकंपा नियुक्ति किया जा सकता है. सभी शिक्षक संवर्गों के पद रिक्त है. सेवाभर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 के अनुसार पदोन्नति किया जाना चाहिए, लेकिन विभाग में पदोन्नति लंबित है. पदोन्नति के आस में अनेक शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं. जिसके कारण शिक्षकों में रोष है.