पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद– जिले में सिंचाई विभाग की नहर ढह गई है. घटना पैरी घूमर डायवर्सन से निकली नहर की है, यहां बांध से 2 किलोमीटर आगे पुल के पहले नहर का लगभग 30 मीटर हिस्सा पूरी तरह ढह गया और पुल के कांक्रीट का भी काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. मामले में जहां स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि लापरवाही पूर्वक निर्माण कर नहर के बगल में रेतीली मिट्टी डाली गई. इसके चलते नहर ढह गई. वहीं अधिकारियों ने इस मामले में हास्यास्पद बयान दिया है अधिकारियों ने कहा है कि यह सांप और चूहा के चलते हो गई अधिकारियों के बयान पर ग्रामीणों ने आश्चर्य व्यक्त किया है.

गरियाबंद क्षेत्र को पानी देने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए पहली घूमर डायवर्सन से निकाली गई बाई तट नहर जो लगभग 40 करोड से अधिक की है, जो 30 किलोमीटर से अधिक लंबाई की बनाई जा रही है. जांच के दौरान पैरी घूमर बांध से 2 किलोमीटर आगे चिखली गांव के बाद और हाथबांय गांव के पहले बने पुलिया से ठीक पहले नहर का हिस्सा बीती रात ढह गया. लगभग 30 मीटर का हिस्सा बगल में धसते हुए बह गया. अब नहर का पानी बगल के खेतों से होते हुए पैरी नदी में वापस जाकर मिल रही है. वहीं आगे नागाबुडा इलाके को पानी जो सप्लाई किया जा रहा था, वह बंद हो गया.

मरम्मत कराने का दिया आश्वासन

इस घटना के बाद आज सुबह ग्रामीणों ने जब सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी, तब कर्मचारी वहां पहुंचे और नहर को दिए जाने वाले बांध के गेट को बंद करवाया, लेकिन बांध मे सिपेज होने के चलते पानी रुक नहीं रहा है. मामले में सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता पीके आनंद ने कहा कि सांप और चूहा जो छेद करते हैं उसके चलते पूरे नहर को ढह देती है. वहीं इसे दो-तीन दिनों में ही मरम्मत कराने की बात कही है.

छात्रों को हुई परेशानी

इन सब के बीच सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि नहर में केवल मिट्टी का वाला भाग ही नहीं रहा है, बल्कि कांक्रीट का प्लेटफार्म भी बह गया. कुछ हिस्सा भी धसक कर टूट गया है, जिसे लेकर ग्रामीणों ने निर्माण में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि नहर ढहने से आज चिखली गांव के बहुत से लोगों को काम में आने जाने में काफी तकलीफ हो रही है. वहीं बहुत से बच्चे को परीक्षा दिलाने जाने मे भी बहुत दिक्कतें आई.