राजनांदगांव. जिले के स्वास्थ्य संयोजक संघ की हड़ताल खत्म करने के लिए प्रशासन ने सख्त रवैय्या अपना लिया है. कलेक्टर ने नोटिस जारी करते हुए स्वास्थ्य संयोजक संवर्ग के 10 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. साथ ही कुछ जगहों पर काम में वापस लौटने का भी नोटिस दिया गया है.
स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के आह्वान पर बीते एक अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल होने वाले स्वास्थ्य संयोजक संवर्ग के 10 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. हड़ताल में शामिल महिला व पुरूष ग्रामीण स्वास्थ्य संजोजकों को हड़ताल से नहीं लौटने पर पहले ही कार्रवाई करने नोटिस भेजा गया था, लेकिन इन कर्मचारियों ने उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना कर अपने कर्तव्य में उपस्थिति नहीं दी थी.
प्रशासन का मानना है कि स्वास्थ्य संयोजकों के काम पर नहीं लौटने की वजह से ही परिवार कल्याण टीकाकरण, प्रसव संबंधी समस्त जांच एवं मलेरिया, डेंगू, पीलिया, मिजल्स सहित मौसमी बीमारियों के उपचार व जांच के काम प्रभावित हुए हैं. शासकीय सेवकों का यह कृत्य (आयोजित हड़तालों, धरना व सामुहिक अवकाश) छग सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के अनुसार कदाचरण की श्रेणी में आता है.
कलेक्टर भीम सिंह ने छग सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के अनुसार कदाचरण के कृत्य के कारण विकासखंड अंबागढ़ चौकी बांधाबाजार सेक्टर की महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक पुनिया भिखुंडी, उप स्वास्थ्य केन्द्र अरजकुंड के पुरूष ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक मुकेश मालेकर, छुईखदान उप स्वास्थ्य केन्द्र खुड़मुड़ी की महिला ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक लता साहू, खैरागढ़ बाजार अतरिया सेक्टर की महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एस नेताम, उप स्वास्थ्य केन्द्र विचारपुर के पुरूष ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक मनोज पाण्डे, डोंगरगांव उपस्वास्थ्य केन्द्र कोकपुर की महिला ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक माया वर्मा, उप स्वास्थ्य केन्द्र चारभांठा के पुरूष ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक राकेश सिन्हा, उप स्वास्थ्य केन्द्र धौराभांठा के पुरूष ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक अजय साहू, मोहला के उपस्वास्थ्य केन्द्र पेंदाकोड़ो के पुरूष ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक सुनील कुमार चंदेले, छुरिया के उप स्वास्थ्य केन्द्र हालेकसा के पुरूष ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक टीकेश्वर कुमार साहू को शासकीय सेवा से तत्काल बर्खास्त कर दिया गया हैं.