गोपाल कृष्ण नायक खरसियां,रायगढ़- आदिवासी क्षेत्र में बेटियां पारिवारिक बंदिशों के बावजूद पढ़ लिख कर अपना जीवन गढ़ना चाहती हैं, वहीं उनके हौंसलों को कुचलने का शर्मनाक तथाकथित मामला संज्ञान में आया है. खरसिया ब्लाक के ग्राम जोबी में संचालित शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय महाविद्यालय की छात्रा ने सहायक प्राध्यापक के प्रति दुर्व्यवहार एवं अवांछनीय मांग करने का आरोप लगाया है. छात्रा का कहना है कि सहायक प्राध्यापक दर्शन द्वारा अवकाश के दिनों में भी कॉलेज आने के लिए दबाव बनाया जाता है.
वार्षिक परीक्षा में झूठे नकल प्रकरण में फंसाकर भविष्य बर्बाद करने की धमकी भी दी जाती है. वहीं कक्षा से बाहर निकलते ही छात्रा के प्रति कॉलेज परिसर में ही अभद्र बातें कही जाती हैं. मना करने पर भी एसपी दर्शन के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा. ऐसे में छात्रा मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रही है. वहीं अस्मत लूट जाने के खतरे से महाविद्यालय जाने पर भयभीत हो रही है.
उपरोक्त तथाकथित घटनाक्रम सिलसिला अगस्त माह से जारी है. तंग आकर छात्रा द्वारा प्रिंसिपल को सारी बातें बताई गईं, परंतु जब कोई बात नहीं बनी तब छात्रा ने संकोच त्यागकर आयुक्त, उच्चशिक्षा विभाग को पत्र लिखा. 17 दिसंबर 2018 को जांच टीम भी आई, लेकिन कोई नतीजा ना मिलने की स्थिति में 29 जनवरी 2019 को रिमाइंडर भी भेजा. अब तक छात्रा को कोई राहत तो नहीं मिली. छात्रा का कहना है कि अब मुझे धमकी दी जा रही है कि हम प्राचार्य की झूठी शिकायत कर सकते हैं तो तुम छात्रा मात्र हो, तुम कुछ नहीं बिगाड़ सकतीं.
शासन बदला पर अफसरशाही नहीं
24 दिसंबर को आयुक्त भी बदल गए. तब छात्रा को न्याय की आस फिर जगी. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मामले की जांच करने के बावजूद उचित कार्यवाही नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षामंत्री उमेश पटेल को अपनी परेशानी बताकर न्याय की मांग की गई है.
सारे आरोप गलत हैं- सुरेंद्र पाल दर्शन
मैं किसी प्रकार का घटनाक्रम, अवांछनीय मांग नहीं किया हूं. सोची समझी चाल हैं. प्रोफेसर के चरित्र पर दाग लगाने से घर, समाज और कॉलेज में छवि खराब करने की सोची समझी साजिश है. परीक्षा में फ़ेल छात्रा को पास करा कर मेरे खिलाफ प्राचार्य के द्वारा षड्यंत्र कराया जा रहा है. दरअसल मैं 2016 में नेशनल सेमिनार फंक्शन का डेढ़े से 2 लाख रुपए का फर्जी बिल में हस्ताक्षर नहीं किया. इस कारण से प्राचार्य छात्रा को आगे कर शिकायत कराई गई है, ताकि हस्ताक्षर कर बिल निकाल सकें. यदि मैं गलत रहता तो कॉलेज से लगा पुलिस चौकी पर शिकायत किया जा सकता था.
जांच प्रक्रियाधीन है
जोबी कॉलेज की प्राचार्य अर्चना आसटकर ने बताया कि मई-जून 2018 से ही छात्राओं एवं महिला कर्मचारियों द्वारा एसपी दर्शन की शिकायत की गई है, जांच प्रक्रियाधीन है. कॉलेज का वातावरण विगत वर्ष से असुरक्षित हो गया है.