नई दिल्ली। भारत कोरोना की पहली और दूसरी लहर से अभी तक पूरी तरह से उभरा नहीं है. इसी बीच कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है. इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) कानपुर ने मैथमैटिकल मॉडल का अध्ययन किया है. जिसमें अनुमान लगाया है कि देश 15 जुलाई तक अनलॉक हो जाएगा. ऐसे में सितंबर-अक्टूबर महीने में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है.

आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर राजेश रंजन और महेंद्र वर्मा ने अपनी टीम के साथ किए गए अध्ययन में तीसरी लहर का दावा किया है. इसलिए आइआइटी कानपुर ने लोगों को पहले से ही आगाह कर दिया है. जिससे लोगों के बीच चिंता का माहौल बन गया है. इस मॉडल में यह मान लिया गया है कि 15 जुलाई तक पूरे देश में लॉकडाउन हटा लिया जाएगा.

पहली स्थिति

पहली स्थिति यह हो सकती है कि अक्टूबर में कोरोना अपने चरम पर रहे. इस दौरान पहली लहर की तुलना में कम लोग प्रभावित होंगे. रोज़ाना 3.2 लाख संक्रमण के नए मामले सामने आ सकते हैं.

दूसरी स्थिति

दूसरी स्थिति यह हो सकती है कि कोरोना वायरस के नई किस्में यानी वैरिएंट्स ज़्यादा सक्रिय और अधिक विनाशकारी साबित हो सकते हैं. दूसरी लहर की तुलना में कोरोना की तीसरी लहर अधिक घातक हो सकती है. रोज़ाना 5 लाख तक लोग संक्रमित हो सकते हैं.

तीसरी स्थिति

कोरोना की तीसरी लहर की तीसरी स्थिति यह हो सकती है कि यह देर से आए और अक्टूबर के अंत तक लोगों को प्रभावित करे. इस स्थिति में कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में कमज़ोर होगी. लगभग 3 लाख लोग रोज़ाना संक्रमित होंगे.

आईआईटी कानपुर ने यह साफ कर दिया है कि इस मॉडलिंग में कोरोना टीका के असर को शामिल नहीं किया गया है. इसमें यह भी मान लिया गया है कि लोग एक ही जगह होंगे यानी एक जगह से दूसरी जगह लोग नहीं जाएंगे और उस वजह से कोरोना संक्रमण का विस्तार नहीं होगा.

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