भारत की अब तक सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना 6 जून 1981 को हुई थी. बिहार में तूफान के कारण ट्रेन नदी में जा गिरी थी. ऐसा कहा जाता है तूफान की गति इतनी तेज थी कि ट्रेन उस दौरान संभल नहीं पाई और एक नदी में जा गिरी. इस हादसे में 800 की लोगों मौत हो गई थी, जबकि 1000 से अधिक लोग घायल हो गए थे. वहीं पंजाब के अमृतसर के चौड़ा बाजार में रावण दहन देख रहे लोगों के साथ शुक्रवार को एक भयावह ट्रेन हादसा हुआ. इसमें अब तक 60 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 40 से ज्यादा लोग अभी घायल बताए जा रहे हैं.
भारत में ट्रेन से हुए बड़े हादसे
भारत में रेल हादसों का इतिहास कोई नया नहीं है. देश में हुए अब तक के सबसे बड़े रेल हादसों पर एक नज़र.
रेलगाड़ी के पटरी से उतरने पर हुए हादसे
- आंध्रप्रदेश के विजयनगरम ज़िले में 22 जनवरी 2017 को हीराखंड एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतरने की वजह से क़रीब 39 लोगों की मौत हुई.
- कानपुर के पास पुखरायां में 20 नवंबर 2016 को एक बड़ा रेल हादसा हुआ जिसमें 150 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई.
- देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस 20 मार्च 2015 में पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में 34 लोग मारे गए थे.
- पश्चिम बंगाल में 28 मई, 2010 में संदिग्ध नक्सली हमले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी. इस हादसे में 170 लोगों की मौत हो गई.
- बिलासपुर 22 अक्टूबर 2011 को तारबहार क्षेत्र में मुंबई-हावड़ा लाइन पर 18 लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी.
रेलगाड़ी में आग लगने पर हुए हादसे
- बेंगलूरु-नांदेड़ एक्सप्रेस ट्रेन में 28 दिसंबर 2013 में आग लगने से 26 लोगों की मौत हुई थी. आग एयर कंडिशन कोच में लगी थी. उसी साल 19 अगस्त को राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से बिहार के खगड़िया ज़िले में 28 लोगों की जान चली गई थी.
- भारतीय रेलवे के इतिहास में साल 2012 हादसों के मामले से सबसे बुरे सालों में से एक रहा. इस साल लगभग 14 रेल हादसे हुए. इनमें पटरी से उतरने और आमने-सामने टक्कर दोनों तरह के हादसे शामिल हैं. 30 जुलाई 2012 को दिल्ली से चेन्नई जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक कोच में नेल्लोर के पास आग लग गई थी जिसमें 30 से ज़्यादा लोग मारे गए थे.
- पंजाब में 15 मई 2003 में लुधियाना के नज़दीक फ़्रंटियर मेल में आग लगी. जिसमें कम से कम 38 लोग मारे गए.
- पटना के पास 16 अप्रैल 1990 में एक रेल में आग लग गई थी जिसमें 70 की मौत हो गई थी.
- राजनांदगाँव में 23 फरवरी 1985 में एक यात्री गाड़ी के दो डिब्बों में आग लगी जिसमें 50 की मौत और कई घायल हुए.
टक्कर होने से हुए हादसे
- उत्तर प्रदेश में 7 जुलाई 2011 को ट्रेन और बस की टक्कर में 38 लोगों की मौत हो गई.
- मध्य प्रदेश के शिवपुरी में 20 सितंबर 2010 में ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकराई. इस टक्कर में 33 लोगों की जान चली गई और 160 से ज़्यादा लोग घायल हुए.
- पश्चिम बंगाल में 19 जुलाई 2010 उत्तर बंग एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस की टक्कर हुई. जिसमें 62 लोगों की मौत हुई और डेढ़ सौ से ज़्यादा लोग घायल हुए.
- उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास 21 अक्तूबर 2009 को गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड़ एक्सप्रेस की आख़िरी बोगी से टकरा गया. इस घटना में 22 मारे गए जबकि 23 अन्य घायल हुए.
- नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस 20 अगस्त 1995 में कालिंदी एक्सप्रेस से फ़िरोजाबाद, उत्तर प्रदेश में जा टकराई. जिसमें 250 की मौत, 250 लोग घायल हुए थे.
- दिल्ली जा रही ब्रह्पुत्र मेल 3 अगस्त 1999 में अवध-असम एक्सप्रेस से गैसल, पश्चिम बंगाल में टकराई. जिस हादसे में 285 की मौत और 312 घायल हुए थे.
- कोटा-बीना एक्सप्रेस 21 दिसंबर 1993 में मालगाड़ी से राजस्थान में टकराई जिसमें 71 की मौत और तमाम लोग घायल हुए थे.
- फ्रंटियर मेल सियालदाह एक्सप्रेस खन्ना 26 नवंबर 1998 में पंजाब में टकराई. इस हादसे में 108 की मौत हुई और 120 लोग घायल हुए.
नदी में गिरने से हुए हादसे
- बिहार में 6 जून 1981 में भयानक तूफान के कारण एक ट्रेन नदी में जा गिरी. इस हादसे में 800 लोगों की मौत हो गई और 1000 से अधिक लोग घायल हो गये थे.
- अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस 14 सितंबर 1997 में बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में एक नदी में जा गिरी इस हादसे में 81 की मौत हुई और 100 घायल लोग घायल हुए.
- मंगलोर-चेन्नई मेल 22 जून 2001 में केरल की कडलुंडी नदी में जा गिरी जिसमें 59 लोग मारे गए.