यत्नेश सेन, देपालपुर। अन्नदाता एक बार फिर चिंतित और परेशान नजर आ रहा है। मामला मध्य प्रदेश के इंदौर के देपालपुर का है। जहां चांदेर , खड़ी गांव के किसानों की बोई गई सोयाबीन की फसल अंकुरित होते ही अचानक नष्ट हो गई। जिससे अब सैकड़ो किसान परेशान और चिंतित नजर आ रहे हैं। वहीं कई खेतों में खराब हुई फसल को नष्ट सोयाबीन को दोबारा बुआई कर रहे हैं।

महंगी दवाइयां इस्तेमाल करने पर भी खराब हुई फसल

दरअसल, करीब 13 सौ से 15 सो बीघा की जमीन में किसानों ने अपने खेतों में सोयाबीन की फसल बुआई की थी। पीड़ित किसानों का कहना है कि बड़ी-बड़ी दवाई कंपनियां दावा करती हैं कि उनकी दवाइयां से बीज उपचार कर बुवाई करने से उच्च गुणवत्ता युक्त फसल उत्पादन होता है। लेकिन इन पीड़ित किसानों ने अलग-अलग महंगी दवाइयां खरीद कर उनसे बीज उपचार किया और बुवाई की थी। उसके बाद भी फसल खराब हो गई। 

कृषि दवाओं की जांच की मांग

ऐसे में अब पीड़ित किसानों ने दवा कंपनियों और बाजारों में बिक रही कृषि दवाओं की भी जांच की मांग की है। किसानों ने कहा कि दुकानों पर धड़ल्ले से दवाइयां बिक रही है। सरकार और प्रशासन को इन पर भी ध्यान देना चाहिए और समय-समय पर दवाइयों की  भी जांच होना चाहिए।

वहीं पीड़ित किसानों ने बताया कि कृषि विभाग भी किसानों पर ध्यान नहीं देता फसल बुवाई का सीजन शुरू होने से पहले भी कभी कोई कृषि अधिकारी फील्ड में नहीं दिखा और ना ही किसानों के खेतों तक पहुंचे। ऐसे में अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर कृषि विभाग इतना लापरवाह क्यों बना बैठा है?

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