रायपुर. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल स्कैम और डीएमएफ घोटाले में आरोपी निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. रायपुर के तुलसी गांव में उनके नाम पर बने मकान, फॉर्म हाउस और दुकान की अब लोक निर्माण विभाग (PWD) जांच करेगा. एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने PWD मुख्यालय से इसकी रिपोर्ट मांगी है, जिसके बाद PWD रायपुर संभाग क्रमांक-2 को जांच का जिम्मा सौंपा गया है.

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क्या जांच करेगा PWD?

PWD की जांच टीम यह पता लगाएगी कि तुलसी गांव में बने मकान और फॉर्म हाउस का निर्माण कब हुआ और इस पर कितना खर्च आया. जांच में भवन में लगे दरवाजे, खिड़कियां, फॉल सीलिंग, प्लाई वर्क, इंटीरियर डेकोरेशन, प्लंबर वर्क, बाउंड्री वॉल, फेन्सिंग और लॉन की लागत का आकलन किया जाएगा. इसके अलावा मॉड्यूलर किचन, इलेक्ट्रिक इंस्टालेशन, नल, पाइप, शावर, बेसिन, बाथ टब, कपबोर्ड, झूमर, पंखे, एसी, कूलर, लाइट्स, फ्रिज, वाशिंग मशीन, टीवी, होम थिएटर, फर्नीचर, सबमर्सिबल पंप और अन्य सामग्रियों पर हुए खर्च की भी पड़ताल होगी. यदि मकान कृषि जमीन पर बना है, तो यह भी जांचा जाएगा कि गांव के सरपंच से इसके लिए अनुमति ली गई थी या नहीं.

कृषि जमीन पर निर्माण, बिना NOC का आरोप

तुलसी गांव में करीब 2 एकड़ कृषि जमीन पर बने इस फॉर्म हाउस और मकान का निर्माण अरुण कुमार साहू और लक्ष्मी साहू (निवासी पांडुका, छुरा, गरियाबंद) के नाम पर है. यह संपत्ति खसरा नंबर 398/1 (0.1410 हेक्टेयर), 407/1 (0.0710 हेक्टेयर), 407/2 और 407/3 (0.4100 हेक्टेयर) पर बनी है. तुलसी बाराडेरा के सरपंच सुरेश कुमार धीवर ने बताया कि इस निर्माण के लिए पंचायत से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं लिया गया, जो अनिवार्य है. वर्तमान में इस संपत्ति पर “धूम कैलिफोर्निया” नामक रेस्टोरेंट का संचालन हो रहा है. राजस्व विभाग ने पहले इस संपत्ति को सील किया था.

रानू साहू पर कोल स्कैम और DMF घोटाले के आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रानू साहू को 22 जुलाई 2023 को कोल स्कैम और डीएमएफ घोटाले में गिरफ्तार किया था. ED ने दावा किया था कि कोरबा जिले में कलेक्टर के रूप में उनके कार्यकाल (मई 2021-जून 2022) के दौरान डीएमएफ फंड में अनियमितताएं हुईं और ठेकेदारों से 25% से 40% तक कमीशन लिया गया. इसके अलावा, आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने रानू साहू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया, जिसमें 2015 से 2022 के बीच 3.93 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है, जबकि उनकी कुल आय 92 लाख रुपये थी.

सुप्रीम कोर्ट से जमानत, लेकिन जांच जारी

सुप्रीम कोर्ट ने 3 मार्च 2025 को रानू साहू को कोल स्कैम मामले में अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन शर्तों के अनुसार उन्हें छत्तीसगढ़ से बाहर रहना है और केवल ट्रायल कोर्ट या जांच एजेंसी के बुलावे पर ही राज्य में आना है. वर्तमान में ACB और EOW आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहे हैं. ACB के चीफ अमरेश मिश्रा ने बताया कि रानू साहू की संपत्तियों की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है.

PWD की जांच शुरू

PWD अधिकारियों ने जांच की तैयारी शुरू कर दी है और अगले एक-दो दिनों में तुलसी गांव में संपत्ति का मूल्यांकन शुरू होगा. जांच से पहले पंचनामा तैयार किया जाएगा. यह जांच रानू साहू के आय से अधिक संपत्ति मामले में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि इससे उनकी संपत्तियों की लागत और वैधता पर सवाल उठ रहे हैं.