बढ़ती महंगाई से निपटने की चुनौतियों के बीच, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(Donald Trump) ने एक अहम आर्थिक फैसला लिया है। उन्होंने बीफ (गोमांस), कॉफी और ट्रॉपिकल फलों सहित कई आवश्यक खाद्य उत्पादों पर लगाए गए आयात शुल्क (टैरिफ) को रद्द कर दिया है। ट्रंप का कहना है कि शुरुआत में उन टैरिफों को इसलिए लगाया गया था ताकि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिले और अर्थव्यवस्था को गति मिल सके। लेकिन वर्तमान में उनकी सरकार महंगाई और बढ़ती खरीदी की कीमतों के दबाव को देखते हुए पॉलिसी में बदलाव कर रही है। वाइट हाउस ने बताया है कि यह कदम “रिसिप्रोकल टैरिफ” (पारस्परिक शुल्क) को कम करने की नीति का हिस्सा है ऐसे शुल्क जिन्हें ट्रंप प्रशासन ने पहले लगाया था और अब उन्हें व्यापार साझेदारों के साथ नए समझौतों के बाद वापस लिया जा रहा है।
अमेरिका में इस महीने हुए ऑफ-ईयर इलेक्शन में वर्जीनिया, न्यू जर्सी और कई अन्य राज्यों में डेमोक्रेट्स की बड़ी जीत के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्थिक मोर्चे पर अहम कदम उठाया है। बढ़ती महंगाई और राजनीतिक दबाव के बीच ट्रंप प्रशासन ने कई उपभोक्ता सामानों पर लगाए गए टैरिफ हटाने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार कॉफी सहित कुछ वस्तुओं पर आयात शुल्क वापस ले रही है, ताकि उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिल सके। ट्रंप ने स्वीकार किया कि “कुछ चीजों के दाम में इजाफा हुआ है”, लेकिन साथ ही यह भी दावा किया कि बड़े परिदृश्य में यह कदम अमेरिका के हित में उठाया गया फैसला है।
ट्रंप ने कहा कि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उन्होंने टैरिफ बढ़ाए थे, और अब हालात को ध्यान में रखते हुए कुछ वस्तुओं पर शुल्क हटाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि कार्यभार संभालने के बाद उनकी सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। हालांकि डेमोक्रेट्स का कहना है कि ट्रंप की व्यापार नीतियों और भारी-भरकम टैरिफ ने ही अमेरिकी जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाला है। उनका आरोप है कि रोजमर्रा की जरूरतों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी का सीधा असर आम अमेरिकी परिवारों पर पड़ा है। वहीं ट्रंप प्रशासन का दावा है कि कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे टैरिफ मुख्य कारण नहीं हैं, बल्कि वैश्विक बाजार उतार-चढ़ाव और सप्लाई चेन की चुनौतियों की वजह से यह स्थिति पैदा हुई है।
ब्राजील, जो अमेरिका को सबसे ज्यादा बीफ निर्यात करने वाला देश था, ट्रंप सरकार के कड़े टैरिफ का सबसे बड़ा शिकार बना। भारी शुल्क लगने के कारण ब्राजीलियाई बीफ की कीमतों में तेज उछाल आया, जिसका सीधा असर अमेरिकी बाजार और उपभोक्ताओं पर पड़ा। महंगाई बढ़ने पर ट्रंप प्रशासन का कहना है कि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से टैरिफ बढ़ाए गए थे, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कुछ वस्तुओं पर शुल्क हटाना जरूरी हो गया है। वहीं डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप की व्यापार नीतियों और एकतरफा टैरिफ रणनीति ने ही महंगाई को बढ़ावा दिया है, जिससे अमेरिकी जनता को महंगे रोजमर्रा के उत्पाद खरीदने पड़े। इसी बीच अमेरिका कई देशों के साथ व्यापार वार्ताएँ भी तेज कर रहा है। हाल ही में इक्वाडोर, एल सल्वाडोर और अर्जेंटीना के साथ कृषि उत्पादों के आयात को लेकर समझौते किए गए हैं, जिनमें टैरिफ में अतिरिक्त ढील दी गई है।
भारत पर भी कम करेंगे टैरिफ?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि अमेरिका और भारत के बीच ‘‘न्यायसंगत व्यापार समझौते’’ पर सहमति बनने के वह “काफी करीब” हैं। ट्रंप ने कहा कि भारत पर लगाए गए शुल्क (टैरिफ) को वह “एक समय” कम कर देंगे। यह दो सप्ताह में दूसरी बार है जब उन्होंने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं।
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