रामकुमार यादव, अंबिकापुर। राज्य का निर्माण हुए 20 वर्ष पूरे होने को हैं। इन बीस सालों में विकास के दावे भी हजारों बार किये गए हैं लेकिन हकीकत गाहे बगाहे नजर आ ही जाती है। इसी की एक बानगी अंबिकापुर के मैनपाट में देखने को मिली। जहां एक गर्भवती महिला को दर्द उठने पर परिवार वाले कांवड़ पर बैठा उसे अपने कंधे पर उठाते हुए ले गए लेकिन विडंबना यह है कि अस्पताल के रास्ते में उफनती हुई घुनघुट्टा नदी है।
परिवार वालों को मजबूरन जच्चा और बच्चे दोने की जान खतरे में डालकर नदी को पार करना पड़ा। यह पूरी घटना मैनपाट के ग्राम कन्दनई की है। जहां एक महिला को प्रसव पीड़ा उत्पन्न होने पर उसके परिजन उसे झलकी(कांवड़) में उठाकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गए।
आम हैं ऐसे दृश्य
मैनपाट में ऐसे दृश्य आम हैं, सड़क, पुल, पुलिया नहीं होने की वजह से एंबुलेंस ग्रामीणों के घर तक नहीं पहुंचा पाता। ऐसे में परिवार वालों को मजबूरन बीमार व्यक्तिप को अपने कंधों पर ऐसे ही ले जाना पड़ता है।
इस पूरे मामले में सरगुजा कलेक्टर संजीव झा का कहना है कि वहां स्वास्थ्य विभाग तो दुरुस्त है पर बरसात के मौसम में कई ऐसे जगह है जहां आवागमन करने में थोड़ी मुश्किल आती है। ऐसे स्थानों पर एंबुलेंस नहीं पहुंच सकती है, जिस पर वह अब छोटे-छोटे वाहनों को ऐसे दुर्गम स्थानों में भेजेंगे जहां बड़े वाहन नहीं पहुंच सकते।
घुनघुट्टा नदी पर पुल की मांग पर सरगुजा कलेक्टर संजीव झा ने कहा इस पर वे तत्काल जांच करेंगे कि पुल बनने का प्रस्ताव आया है या नहीं, तकनीकी स्वीकृति हुई है या नहीं।
देखिये वीडियो
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