रायपुर.रायपुर नगर निगम के सन्यासी पारा में आज सुबह हुए बवाल के बाद जोन क्रमांक 3 के कमिश्नर राजेन्द्र जायसवाल बेहद दुखी हैं. लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में जायसवाल ने कहा कि वरिष्ठ पार्षद मनोज प्रजापति ने जो आरोप लगाये हैं,वो पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. उन्होनें कहा कि आज तक मैंने किसी भी नागरिक के साथ कभी भी अभद्र भाषा का उपयोग नहीं किया और ये बातें किसी से भी पता की जा सकती है.उन्होनें कहा कि मनोज प्रजापति द्वारा लगाये जा रहे आरोप से वे बेहद प्रताडित और व्यथित हैं,इसलिये वे अब रायपुर निगम के कामकाज से मुक्ति चाहतें हैं.
जायसवाल ने कहा कि मैं रायपुर नगर निगम की गंदी राजनीति से तंग आ चुका हूं और इसलिये अब ये तय कर चुका हूं कि मैं अब रायपुर नगर निगम में काम नहीं करूंगा.उन्होनें बताया कि वे जल्द महापौर प्रमोद दुबे से मुलाकात करेंगे और उनसे निवेदन करेंगे कि उन्हें रायपुर नगर निगम से मुक्त कर दें और कहीं भी तबादला करा दें.दुखी मन से उन्होनें कहा कि न तो मैं शराब का शौकीन हूं और न ही मॉल में घूमने का और न ही अवैध कमाई का…मुझे बस दो जून की रोटी चैन से खानी है,इसलिये मेरा बस्तर तबादला हो जाये,तो बहुत अच्छा रहेगा.
गौरतलब है कि आज शंकर नगर वार्ड के पार्षद मनोज प्रजापति ने जोन कमिश्नर राजेन्द्र जायसवाल पर महिला के साथ गाली गलौच करने का आरोप लगाते हुए अपने समर्थकों के साथ सिविल लाइन थाने का घेराव कर दिया था.मनोज ने आरोप लगाया कि जोन कमिश्नर ने महिला के साथ दुर्व्यवहार किया है,इसलिये उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये.दरअसल जिस महिला के बारे में बात की जा रही है,वो सन्यासी पारा में रहती है और छोटी लाइन पर बन रहे सड़क के चलते विस्थापित हो रही है.इस महिला ने अपने लिये आवास की मांग की थी,जिस पर नियमानुसार कार्रवाई की बात जोन कमिश्नर ने कही थी.जोन कमिश्नर ने बताया कि सन्यासी पारा जिस वार्ड में आता है,उसके पार्षद मिलिन्द हैं.लेकिन ना जाने क्यों मनोज प्रजापति अपने वार्ड के बाहर के मामले को मुद्दा बनाकर अनर्गल आरोप लगा रहें हैं.जायसवाल ने कहा कि मनोज प्रजापति को मैं बड़ा भाई मानता हूं,लेकिन न जाने क्यों वो किसी व्यक्तिगत दुर्भावना से पीड़ित हैं और इसलिये इस तरह का उल-जुलुल आरोप लगा रहें हैं,जिससे सच का कोई लेना देना नहीं है.
मनोज प्रजापति ने कहा कमिश्नर द्वारा गाली देने और वसूली की है थाने में शिकायत
इस मामले को मनोज प्रजापति ने गलत बताया. उन्होंने कहा कि कमिश्नर ने बिना नोटिस दिए ईश्वरी नगर की झुग्गियों को तोड़ने की कोशिश की थी. जब झुग्गीवासियों ने इसका विरोध करते हुए मुझे बुलाने को कहा तो कमिश्नर ने मेरा नाम लेकर गाली-गलौज किया. इसके बाद सभी लोगों को लेकर हम थाने एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे लेकिन जब पुलिस ने जांच के बाद एफआईआर की बात कही तो लोगों ने नारेबाज़ी शुरु कर दी. इसके बाद कमिश्नर को बुलाने के लिए थानेदार ने फोन किया लेकिन वो नहीं आया. इसी बात को लेकर कमिश्नर अनाप-शनाप आरोप लगा रहा है.
कमिश्नर जायसवाल के खिलाफ व्यापारी मुकेश हसीजा ने 50 हज़ार रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत की है.