रमेश सिन्हा, पिथौरा। मासूमों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए देश भर में टीकाकरण के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. यूनीसेफ और डब्ल्यूएचओ द्वारा सरकार को इन स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बेरोक-टोक चलाने के लिए आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है. लेकिन स्वास्थ्य महकमें में पदस्थ कर्मी ही ऐसे कार्यक्रमों को पलीता लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे. ऐसा ही एक मामला महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक में आया है जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में साढ़े 9 माह की एक मासूम को नर्स ने अपने अप्रशिक्षित सहयोगी से टीका लगवा दिया. टीका लगने के बाद बच्चे के हाथ में संक्रमण हो गया और संक्रमण की वजह से हाथ में अपंगता आ गई है. मामले में पीड़ित बच्ची के पिता ने पिथौरा थाना में नर्स और उसकी सहयोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
हाथ की हड्डियां गलने लगी
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक ग्राम राजसेवैया खुर्द निवासी रविशंकर पाढी, जो कि पेशे से वाहन चालक हैं. पाढी ने पिछले साल 29 मई 2018 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में अपनी साढ़े नौ माह की बेटी को टीका लगवाया था. बच्ची को टीका ड्यूटी में मौजूद महिला नर्स एसबी गार्डिया ने अपनी अप्रशिक्षित सहयोगी से उसके दाहिने हाथ में लगवाई थी.पाढी का आरोप है कि टीका लगाने में लापरवाही की वजह से बच्ची के हाथ में संक्रमण हो गया. संक्रमण की वजह है उसके हाथ की हड्डियां गलने लग गई और उसका हाथ काम नहीं करता है, उसमें अपंगता आ गई है. बच्ची का इलाज अभी वर्तमान में निजी अस्पताल में चल रहा है. पीड़ित बच्ची के पिता ने मामले में खण्ड चिकित्सा अधिकारी डाक्टर तारा अग्रवाल उनकी अधिनस्थ एसबी गार्डिया और उनकी सहयोगी अप्रशिक्षित नर्स व प्रभारी डाक्टर के खिलाफ शिकायत की थी. जिस पर पुलिस ने मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.
4 महीने बाद दर्ज की एफआईआर
इस मामले में बच्ची के गरीब पिता ने पुलिस में अक्टूबर माह में आवेदन दिया था. आवेदन देने के बाद पुलिस ने मामले में जांच की और पीड़ित की शिकायत को सही पाते हुए. नर्स एसबी गार्डिया व उनकी सहयोगी के खिलाफ 7 फरवरी को एफआईआर दर्ज किया.
न्यायालय में भी की अपील
पुलिस में शिकायत के बाद भी जब मामले में दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो बच्ची के पिता ने न्यायालय में याचिका दाखिल की है. जिसमें न्यायालय ने सीएमओ को उपस्थित होने का आदेश दिया है.