पंकज कमल/बक्सर: जिले केराजपुर थाना क्षेत्र के बारुपुर पंचायत अंतर्गत भरखरा गांव में 1 जनवरी को हुई हत्या के मामले में शनिवार को परिजनों ने मृतक के शव को गांव के नजदीक बक्सर-कोचस मुख्य पथ पर रखकर जाम कर दिया. लोग सड़क पर आकर मुआवजा एवं सुरक्षा की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे.
प्रशासन से लगाई गई गुहार
परिजनों ने कहा कि इसकी हत्या एक साजिश है. जिसका खुलासा नहीं हो रहा है. जिसमें सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि कई लोगों का हाथ हो सकता है. यह खुद इतना मजबूत आदमी था कि अकेला व्यक्ति किसी की हत्या नहीं कर सकता है. लगभग 2 घंटे बाद बीडीओ सिद्धार्थ कुमार एवं थानाध्यक्ष के पहल पर समझाने बुझाने के बाद लोगों ने सड़क जाम को हटाया, तब तक लगभग 4 किलोमीटर की दूरी में दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई. इस समय सुबह स्कूल जाने वाले कई स्कूली बस भी फंसे रहे. लंबी दूरी तक यात्रा करने वाले यात्रियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. प्रशासन के सहयोग से जाम हटाकर परिचालन आरंभ किया गया. जाम हटाने के बाद इस मामले को लेकर राजनीतिक दलों में भी सरगर्मी बढ़ गई. कुछ ही देर में थाना पर बसपा नेता अभिमन्यु सिंह, सरोज साधु, जिला पार्षद प्रतिनिधि रिंकू यादव के अलावा कई अन्य लोगों ने पहुंचकर इस मामले को गंभीरता से लेने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई.
5 लोगों के खिलाफ मामला हुआ दर्ज
इस घटना में शामिल लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए मृतक की पत्नी पार्वती देवी ने बताया कि संजय पासवान 1 जनवरी को अपने घर पर था. दोपहर बाद लगभग ढाई बजे संजय पासवान को बुलाने के लिए गांव के ही सर्वानंद उपाध्याय एवं अनिल उपाध्याय दोनों बुलाकर लेकर गए, लेकिन देर शाम तक जब वह नहीं लौटा, तो इसका चचेरा भाई ने बताया कि वह किसी पार्टी में है. जिस पार्टी में गांव के ही मनीष उपाध्याय, राकेश उपाध्याय, गोविंद राजभर के अलावा कई अन्य लोग शामिल थे. देर रात तक लोगों ने पार्टी किया. अगली सुबह तक वह वापस घर नहीं लौटा, तो लोगों ने सोचा कि वह कहीं रिश्तेदारी में चला गया है. जिसकी काफी खोजबीन की गई, उसका कहीं पता नहीं चला. उनकी हत्या में सभी लोग शामिल है. दिए गए आवेदन के बाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है. थाना अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि मृतक संजय पासवान की पत्नी के तरफ से दिए गए आवेदन के बाद पुलिस कार्रवाई कर रही है. शीघ्र ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
अपने परिवार की रोजी-रोटी चलाने के लिए संजय ही एकमात्र सहारा था. इसके चले जाने के बाद इसकी पत्नी पार्वती देवी का रोते-रोते काफी बुरा हाल है. इसने बताया कि परिवार की रोजी-रोटी चलाने वाला एकमात्र सदस्य यही था. अपने पीछे उनके 17 वर्षीय पुत्र अजय कुमार, 16 वर्षीय चांदनी कुमारी एवं 15 वर्षीय पुत्र सूरज कुमार है. यह सभी अभी पढ़ रहे हैं. इसमें से किसी की भी अभी शादी नहीं हुई है. परिवार के लिए काफी संकट हो सकता है.
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