
विकास कुमार/सहरसा: जिले के ग्रामीणों ने मृत्यु भोज के खिलाफ एकजुट होकर इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है. उनका मानना है कि मृत्यु भोज से आर्थिक कमजोरी, मानसिक तनाव और चिंतन में वृद्धि होती है. ग्रामीणों का कहना है कि जब किसी परिवार में मृत्यु होती है, तो शोक की लहर रहती है, लेकिन मृत्यु भोज में खुशी में भोज का आयोजन किया जाता है, जो उचित नहीं है.
मृत्यु भोज का बहिष्कार
इसी क्रम में सहरसा जिले के पतरघट प्रखंड अंतर्गत किशनपुर पंचायत में ग्रामीणों ने मृत्यु भोज का बहिष्कार करने का संकल्प लिया है. उनका कहना है कि मृत्यु भोज से कई प्रकार की क्षति होती है, जैसे कि आर्थिक, स्वास्थ्य और चिंतन में वृद्धि होती है. ग्रामीणों ने कहा कि वे मृत्यु भोज को खत्म करने के लिए कृत संकल्पित हैं और इसके खिलाफ अभियान चलाएंगे.
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