रायपुर. अब तक आपने रेल विभाग में सिर्फ पुरूषों को ही भारी भरकम काम करते देखा होगा लेकिन अब महिलाएं भी इस काम में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाती नजर आ रही हैं. यहा तक कि ट्रेन की बोगी बनाने से लेकर ट्रेन के पहिये की मरम्मत का काम इन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है. इस तरह ये महिलाएं रेल विभाग में तकनीकी क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं. महिला सशक्तीकरण की कहानी इन महिलाओं का काम बयान कर रहा है.

रेल विभाग का कहना है कि रायपुर रेल मंडल में लगभग 10 हजार 8सौ कर्मचारी कार्यरत हैं जिनमें लगभग 762 महिला कर्मचारी और 6 महिला अधिकारी कार्यरत हैं. रायपुर मंडल के विभिन्न कार्यालयों में से एक पी.पी.यार्ड है. जहां मालगाड़ी के वैगनों की रुटीन ओवर हालिंग (आर.ओ.एच) की जाती है. वैगनों की रूटीन ओवर हालिंग में गाड़ियों के सभी पार्ट्स का आरडीएसओे के अनुरुप अनुरक्षण किया जाता है. इस डिपो में 733 कर्मचारी कार्यरत हैं  जिनमें से 30 महिलाए कार्यरत हैं. खास बात ये है कि इनमें से अधिकतर महिलाए तकनीकी कार्यक्षेत्र में कार्यरत हैं. यहां एक सेक्शन ऐसा है जहां पूर्णतया महिला कर्मचारियों द्वारा सभी तकनीकी कार्य किए जाते हैं.

छेदीन बाई का कैरिज एंड वैगन के कार्यक्षेत्र में 37 वर्षों का अनुभव हैं. ज्योति नाग, स्प्रींग सेक्शन में कार्य करती हैं एवं ईओटी क्रेन, चलाती हैं. यह बोगी सेक्शन एवं व्हील सेक्शन में क्रेन के आवश्यकतानुसार क्रेन का आवागमन करती हैं. लक्ष्मी, तकनीशियन जो पेनयूमेटिक प्रेस मशीन में विभिन्न प्रकार के पीडी, बल्ब कटर विभिन्न साइज में बनाती हैं.

के धनलक्ष्मी, पदनाम- एसपीए-आई कम्प्रेशर चलाती हैं साथ ही साथ कम्प्रेशर का रख-रखाव जैसे ओवर लोड़, आईल लेवल एवं मशीन की सफाई इत्यादि स्वयं ही करती हैं. इसी प्रकार यहाँ की महीलाऐं अन्य तकनीकी क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट कार्य कर रही है.

टेरेसा हेम्ब्राम, वरि.अनु.अभियंता जो कि, मेकेनीेकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हैं, चक्के के एक्सल का अल्ट्रासोनिक परीक्षण करती हैं. वह प्रतिदिन 8 घंटे में 20 चक्कों का अल्ट्रासोनिक परीक्षण करती हैं, और आंतरिक त्रुटियों की छानबीन करती हैं.

पी. सुशीला राव, तकनीशियन है एवमं वे सीएनसी व्हील लेथ पर चक्कों की टर्निंग करती हैं और सही प्रोफाईल बना कर आर. ओ.एच.के लिये देती हैं,और इसके साथ-साथ चक्कों का हिसाब-किताब भी रखती हैं.

टी.श्रीनिवासलु, तकनीशियन एवं साधना मिलकर एसएबी का ओवर हाॅलिंग करती हैं और इस ओवर हाॅलिंग के दौरान 95 पूर्जों का बदलाव करती हैं. इनके द्वारा ओवर हाॅलिंग किये हुए एसएबी में 18 माहिनों की गारंटी रहती हैं. श्रीनिवासलु का कैरिज एण्ड़ वैगन के कार्यक्षेत्र में 27 वर्षों का अनुभव हैं.

ललिता उईके, पदनाम- वरिष्ठ तकनीशियन डिस्ट्रीब्यूटर वाल्व के ओवर हाॅलिंग में कार्यरत हैं एवं इसकेे 70 छोटे-छोटे पूर्जों का बदलाव करती हैं. इनका कैरिज एण्ड़ वैगन के कार्यक्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव हैं.

रेलवे में कार्यरत महिलाओं की कर्तव्य निष्ठा अदभुत है। रायपुर मंडल में महिलाऐं ट्रेन चलाने में भी अग्रणीय है. रायपुर रेल मंडल की महिलाओं ने खेलों के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रायपुर मंडल का नाम गौरांवित किया है.