रवि शुक्ला,मुंगेली. राज्य सरकार ने खेल भावना को बढ़ाने के लिए लाखों रुपये की स्वीकृति प्रदान करते हुए नगर पालिका क्षेत्र के शिवाजी वार्ड में इनडोर स्टेडियम का निर्माण कराया गया है. ताकि जिले के प्रतिभावान खिलाड़ी जिले सहित प्रदेश का नाम रौशन कर सकें.

लेकिन जिले के अधिकारियों को खेल प्रेमियों की भावनाओं से कोई सरोकार नही है. उन्हें तो बस अपनी मनमानी करनी है. दरअसल इनडोर स्टेडियम को श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा मनमानी करते हुए गोदाम के रूप में तब्दील कर दिया गया है. जहां खिलाड़ियों के द्वारा खेल का प्रदर्शन किया जाना चाहिए. वहां श्रम विभाग द्वारा ठेकेदार को साइकिल के समान रखने दे दिया गया है. और ठेकेदार द्वारा कारीगरों को बुलाकर वहां साईकिल बनवाया जा रहा है.

मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत बांटे जाएंगे सायकिल

इन साइकिलों को मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत जिले के विभिन्न स्कूलों में छात्राओं को वितरण किया जाएगा. यही वजह है कि कारीगरों द्वारा दिन रात एक करके युद्ध स्तर पर साइकिलों के कलपुर्जो को फिट करके सायकिल बनाया जा रहा है. लेकिन सवाल यह उठता है कि इन साइकिलों का निर्माण जिले के अन्य किसी स्थान पर क्यों नहीं कराया जा सकता था.

बता दें कि  खिलाड़ियों के लिए इनडोर स्टेडियम एक ही है. जहां वो प्रैक्टिस कर सकें. लेकिन अधिकारियों ने सीधे तौर पर अपनी मनमानी करते हुए इनडोर स्टेडियम को गोदाम के रूप में तब्दील कर दिया है. यही नहीं नगर पालिका परिषद भी मूकदर्शक बनी सिर्फ तमाशा देख रही है. और अभी तक किसी ने भी इस मनमानी को रोकने कोई पहल नहीं की है. अब देखने वाली बात यह होगी की इस मनमानी को रोकने के लिए कौन आगे आता है. और खिलाड़ियों के लिए बनाए गए स्टेडियम को गोदाम की जगह फिर से स्टेडियम बनाने में सहयोग देता है. ताकि जिले के खिलाड़ी फिर से अपने प्रतिभा को निखार सकें.

 

 

योग दिवस की तैयारियां कागजों पर

इधर 21जून को अंतराष्ट्रीय योग शिविर के लिये प्रशिक्षण पुरे देश के साथ-साथ छत्तिसगढ़ में चल रहा है. लेकीन मुंगेली जिले में योग का पुर्वाभ्यास कागजों में सिमट कर रह गया है. इस आयोजन के लिए जिले के कलेक्टर को राज्य शासन द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. 18 जून से इन्डोर स्टेडियम में योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाना था .

जिसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी नगरपालिका परिषद सहित शिक्षा विभाग ,सामान्य प्रशासन विभाग को दिया गया था. लेकिन पूरी तैयारी सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गयी है. स्टेडियम से अधिकारी कर्मचारी नदारद हैं. वहां पर माइक दरी की व्यवस्था तो दूर, पुरी गंदगी पसरी हुई है. हैरानी की बात यह है कि अभी तक 21जून को होने वाले योग दिवस की तैयारी के लिये किसी भी जनप्रीतिनिधि या अधिकारी ने अभीतक कोई जानकारी नही ली है. ऐसे में यह आयोजन कितना सफल होगा यह कह पाना मुश्किल है.