सुमन शर्मा/कटिहार: जहां लोग बाढ़ में घर से निकलने से डरते हैं. वही भागलपुर के एक दूल्हे ने बाढ़ के पानी को चीरते हुए शादी की रस्में पूरी की. यह कहानी है पीरपैंती प्रखंड के देवमुनी कुमार की, जिनकी शादी आज पूरे इलाके में मिसाल बन गई है.
बारातियों संग दुल्हन के गांव पहुंचा दूल्हा
दरअसल, देवमुनी की बारात बाकरपुर गांव से कटिहार के मनिहारी प्रखंड के कांटाकोष पंचायत स्थित चौधरी टोला गांव जानी थी, लेकिन गंगा की बाढ़ और टूटे रास्तों ने बारात का रास्ता रोक दिया. किसी ने सोचा नहीं था कि शादी हो पाएगी, लेकिन देवमुनी पीछे नहीं हटे. कार की जगह ई-रिक्शा, पैदल और नाव का सहारा लिया. कीचड़ और पानी से जूझते हुए दूल्हा बारातियों संग दुल्हन के गांव पहुंचा.
नाव पर बारात का दृश्य बना चर्चा का विषय
नाव पर सजे-धजे दूल्हे को देख गांव के लोग चकित रह गए. महिलाओं ने मंगल गीत गाए, बच्चों ने तालियां बजाईं और हर किसी ने कहा कि ये शादी तो बाढ़ में भी खास बन गई. वहीं, स्थानीयों लोगों ने कहा कि हमने सोचा था बारात टल जाएगी, लेकिन नाव से बारात देखकर सब खुश हो गए. वहीं, गांव की एक महिला ने कहा कि ऐसी शादी पहले कभी नहीं देखी. यह शादी केवल रस्म नहीं, बल्कि प्यार, हिम्मत और संकल्प की कहानी है. देवमुनी और बंदना की यह जोड़ी उन लोगों के लिए सीख है, जो मुश्किलों के आगे हार मान लेते हैं.
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