सुशील सलाम, कांकेर. जिले के कोयलीबेड़ा ब्लाक के ग्राम बोगानभोड़िया के ग्रामीण अब हैंडपंप का पानी पी सकेंगे. आपको बता दें कि जिस जगह पर फूड इंस्पेक्टर साहब का मोबाइल फोन ढूंढने 41 लाख लीटर पानी बर्बाद किया गया था, वहां से महज 1 किलोमीटर दूर बसे ग्राम बोगानभोड़िया के ग्रामीण झिरिया का गंदा पानी पीने मजबूर थे. गांव का हैंडपंप कई महीने से खराब था. इसकी खबर लल्लूराम डाॅट काम ने प्रमुखता से दिखाया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने संज्ञान में लेकर खबरा हैंडपंप को सुधरवाया.
चार महीने से खराब पड़े हैंडपंप को आज मंगलवार को पीएचई की टीम गांव में भेजकर सुधरवाया गया है. कोयलीबेड़ा ब्लॉक के बोगानभोड़िया गांव में लगभग 20 से 25 परिवार निवास करते हैं, जिनकी संख्या लगभग 80 से 90 के आसपास है. गांव में एकमात्र हैंडपंप था, जो बीते 4 महीने से खराब पड़ा था. इसकी जानकारी ग्रामीणों ने सरपंच के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों को भी दी थी पर सुधारा नहीं गया था. ग्रामीणों के लिए मजबूरन झरिया का गंदा पानी एक सहारा बना हुआ था.
सभी ग्रामीण सुबह अपने घरों से बर्तन लेकर कुछ दूरी पर स्थित झिरिया में पानी लेने पहुंचते थे और इस गंदे पानी का उपयोग अपने दैनिक दिनचर्या में लाते थे. ग्रामीण बताते हैं कि इस पानी को पीकर बड़े और बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. लल्लूराम डाॅट काम में खबर प्रसारित करने के बाद जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया और खराब हैंडपंप की मरम्मत कराई. अब हैंडपंप के बन जाने से ग्रामीणों में खुशी देखी जा रही है और उन्होंने जिला प्रशासन को धन्यवाद भी दिया है.
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