सनातन धर्म में नंदी और मूषक दोनों देवों के वाहन हैं। नंदी भगवान शिव के सबसे प्रिय गण और वाहन है। मूषक भगवान शिव के पुत्र गणेश जी की सवारी है। अक्सर आपने मन्दिरों में भगवान शिव की मूर्तियों के सामने नंदी की मूर्तियां भी देखीं होगी। भगवान शिव की पूजा के बाद नंदी की पूजा करनी भी जरूरी होती है। इसी से आपकी मनोकामना भगवान तक पहुंती है.
मान्यता है कि नंदी और मूषक के कान में भक्त अपनी मनोकामनाएं कहते हैं। आइए जानते हैं नंदी और मूषक के कान में मनोकामनाएं क्यों बोली जाती हैं,और किस तरह आप अपनी मनोकामना भगवान तक पहुँचा सकते हैं। Read More – सावन में अपने भी छोड़ दिया है नॉनवेज, तो ये सब खा कर Body को दें पर्याप्त प्रोटीन …
शिव ने दिया था वरदान
हिन्दू धर्म में शास्त्रों के अनुसार, शिव जी से पहले नंदी की पूजा की जाती है। भगवान शिव नंदी के माध्यम से ही आराधना स्वीकार करते हैं। भक्त नंदी के माध्यम से अपनी हर मनोकामना भोलेनाथ तक पहुंचाते हैं। कहते हैं कि महाराज नंदी को स्वयं महादेव ने यह वरदान दिया था कि अगर कोई भक्त अपनी मनोकामना तुम्हारे कान में कहता है, तो उसकी मनोकामना मुझ तक पहुंचेगी और शीघ्र वह पूर्ण भी होगी। इसलिए नंदी के कान में अपने मन की बात कहने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लेकिन नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहने के भी कुछ नियम बताए गए हैं, आइए जानते हैं उन नियमों को।
इन बातों का रखें ख्याल
- शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव का जलाभिषेक करने के बाद हमें नंदी की पूजा करनी चाहिए। यदि आप अपनी मनोकामना नंदी के बाएं कान में कहेंगे, तो वह जल्द पूरी होगी। मनोकामना कहते समय, ‘हे महाराज! नंदी मेरी मनोकामना पूर्ण करें’, यह भी अवश्य कहना चाहिए।
- नंदी के कान में किसी के बारे में बुराई नहीं करनी चाहिए तथा अपनी मनोकामना को धीरे से नंदी के कान में कहना चाहिए। जिससे आप के द्वारा कही गई मन की बात किसी को भी सुनाई ना दे।
- पौराणिक शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव तपस्या में लीन रहते हैं तो हमारी मनोकामनाएं नहीं सुन पाते हैं। इसलिए भक्त अगर अपनी कोई मनोकामना नंदी के कान में कहते हैं तो तपस्या के पश्चात भगवान शिव नंदी के माध्यम से सभी मनोकामनाएं सुनते हैं। Read More – Mansoon Special Recipes : बरसात के इस मौसम में शाम को करे कुछ क्रंची खाने का मन, तो घर पर Try करें ये डिश …
मूषक के कान में मनोकामना कहना
शिव पुराण के अनुसार गणेश जी का प्रिय वाहन मूषक है। गणेश जी हमेशा मूषक की सवारी करते हैं। अगर आपको गणेश जी तक अपनी बात पहुंचानी है या कोई मनोकामना कहनी है तो आप गणेश जी के मंदिर में मूषक की मूर्ति के कान में अपनी बात कह सकते हैं। मूषक के माध्यम से गणेश जी आपकी मनोकामना सुनकर उसे शीघ्र पूर्ण करते हैं।
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