कांकेर. इन दिनों प्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से सड़कों का हाल-बेहाल हो चुका है. जिधर भी आप नजर घुमाएंगे सड़कों को असल हाल आपकों नजर आ जाएगा. अब प्रशासन तो सड़कों की मरम्मत करा नहीं रही है. तो उसका मरम्मत अब कराएगा कौन? शहर में एक मानसिक रूप से कमजोर महिला जो कि इधर-उधर घूमते रहती है. इस समय उसे जहां भी सड़कों पर गढ्ढा दिख रहा है उसे मिट्टी से भरने में लगी हुई है. महिला को देखकर लोग पागल कहते है. लेकिन असल पागल कौन है?. वो महिला जो गढ्ढों को भर रही या फिर प्रशासन जो सड़कों का मरम्मत नहीं करा रही है. या फिर वो लोग जो रोजाना सड़क का हाल देखकर भी चुप है?.
दरअसल यह नजारा कांकेर जिले के राष्ट्रीय राज्य मार्ग का है. जहां सड़कों और अन्य जगहों पर गढ्ढा हो गया है. जिसे भरने के लिए प्रशासन सुध नहीं ले रही है. जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है. कमोबेश यही स्थिति जिले की कई सड़कों का है. ग्रामीण सड़कों को लेकर प्रदर्शन भी करते है लेकिन फिर भी शासन-प्रशासन सख्त नहीं दिख रही है. जबकि सड़कों को सुधारने के लिए सरकार की ओर से फंड भी आता है. औऱ अब ये फंड जाता कहा है इसका भी कोई अता-पता नहीं है.
इन्हीं सड़कों देख मानसिक रूप से कमजोर महिला जलेबी बाई भावुक हो गई. उसे रहा नहीं गया औऱ उसने एक बाल्टी उठाई और सड़कों को पाटने में लग गई. एक-एक कर उसने सड़क के कई गढ्ढों को पाट दिया यहां तक की सड़क किनारे हुए गढ्ढों को भी पाट रही है. ऐसा करने से उसे खुशी मिलती है और खुशी से वह नाचने झुमने लगती है. ऐसा करता देख यहां लोग उसे पागल कहते है. लोगों का कहना है कि ये महिला मानसिक रूप से पागल है इसलिए जो इसको लगता है वह करती रहती है.
जबकि इन सड़कों पर शहर के नागरिक जनप्रतिनिधि और अधिकारी रोज गुजरते है सभी इन गड्डों की स्थिति से वाकिफ है. लेकिन वो इसको नजरअंदाज कर गुजर जाते है. महिला की निःस्वार्थ सेवा देखने लायक है सड़कों के गड्डों को मिट्टी डाल कर भर रही है उनके लिये जो उसे पागल कहते हैं. लेकिन अब इसमें असल पागल कौन है?.