दुर्ग. जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम पंचायत अरसनारा में गौठान निर्माण के साथ-साथ चारागाह एवं बाड़ी भी विकसित किया गया है. ग्राम पंचायत अरसनारा में गोबर विक्रय कर ग्रामीण अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे है. जिसमें ग्राम अरसनारा के 02 स्व-सहायता समूह को सामुदायिक बाड़ी हेतु भूमि उपलब्ध करायी गई है. जिसमें महिलाएं गेंदा फूल से लेकर सब्जी, भाजी का उत्पादन भी कर रही है.
जिसमें उद्यानिकी विभाग द्वारा 3,000 गेंदे के पौधे और प्याज, भिन्डी, लौकी और बैगन के बीज पर नगद अनुदान दिया गया. उद्यानिकी विभाग से अनुदान के साथ समय-समय पर तकनीकी सहायता हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा नियमित मार्गदर्शन और सहयोग दिया जा रहा है.
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समूह की महिलाएं स्वस्फुर्त कार्यकर कर रही लाभ अर्जित
शुरुआत में पंचायत द्वारा स्वयं आगे आकर चारागाह और बाड़ी का विकास का कार्य किया गया लेकिन जनपद पंचायत पाटन द्वारा समूह से चर्चा कर स्व सहायता समूह को प्रेरित किया गया. जिसका परिणाम आज सबके सामने है, आज भगवती स्व-सहायता समूह और जय मां संतोषी स्व-सहायता समूह की महिलाएं स्वस्फुर्त कार्य कर लाभ अर्जित कर रही है.
समूह ने अब तक 90 हजार रुपये खर्च कर, कुल 100 क्विटंल सब्जी उत्पादन किया है. जिसे विक्रय कर 2 लाख 35 हजार रुपये राशि प्राप्त हुआ, जिसमें समूह को 1 लाख 45 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है. आज ग्रामीण स्तर पर यहाँ की महिलाएं एनजीजीबी योजना से लोकल मार्केट में सब्जी विक्रय कर आय अर्जित कर रही है.
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वर्तमान में की जा रही गेंदे के फूल की खेती से प्रतिदिन 40-50 किलोग्राम फूलों का उत्पादन किया जाता है. जिसे समूह की महिलाओं को 600-800 रुपये प्रति दिवस तक आय की प्राप्ति होती है. अंकेश साहू ने बताया गया कि गेदा के पौधों में 35-40 दिनों में फुलों का आना प्रारंभ हो जाता है. 3-4 महिनों के पौधों में लगातार फुल आते हैं.
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