गुरुग्राम और नूंह में अरावली की तलहटी में बनने वाले दुनिया के सबसे बड़े अरावली सफारी पार्क को लेकर काम शुरू कर दिया गया है. शुक्रवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम-नूंह में दस हजार एकड़ में बनने वाले सफारी पार्क बनेगा. दुनिया की सबसे बड़ी और अनोखी जंगल सफारी को लेकर देश दुनिया के लोगों में दिलचस्पी है. जंगल सफारी कई चरणों में बनना है. पहला चरण दो वर्षों में पूरा हो जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे तीन चरणों में विकसित किया जाएगा. पहले चरण को पूरा करने के लिए लगभग दो साल का लक्ष्य निर्धारित किया है. जैव विविधता पार्क अवधारणा के अनुरूप एक सफारी पार्क विकसित करने के विकास के लिए डिजाइन परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए दो चरण की निविदा प्रक्रिया अपनाई गई हैं.
दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी के साथ करीब 15 किमी की तेंदुआ पार्क की योजना भी जुड़ी है. अतिरिक्त मुख्य वन संरक्षक महेंद्र सिंह मलिक के अनुसार पिछले दिनों तेंदुआ बाहुल्य वाले इलाकों का सर्वेक्षण में पता चला है. किन-किन हिस्सों में तेंदुओं की संख्या ज्यादा है. यह पता चल पाया है. सोहना से दमदमा तक तेंदुआ पार्क बनाकर तेंदुओं के संरक्षण की योजना पुरानी है, मगर यह जंगल सफारी से जुड़ेगी क्योंकि जंगल सफारी का इलाका भी यही होगा.
10 हजार एकड़ की अरावली जंगल सफारी में 6000 एकड़ गुरुग्राम और 4000 एकड़ जमीन नूंह की शामिल होनी है. गुरुग्राम के गांव सकतपुर वास, शिकोहपुर, भोंडसी, घामडौज, अलीपुर टिकली, अकलीमपुर, नौरंगपुर बड़गूजर शामिल हैं. नूंह के कोटा खंडेवला, गंगानी, मोहम्मदपुर अहीर, खरक, जलालपुर, भांगो, चलका गांव इस परियोजना में शामिल हैं. इस गांवों के ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा.
जंगल सफारी को लेकर बीते साल विदेशी फर्म के कंसलटेंट नीदरलैंड के एलेक्जेंडर काओराड बरोवर, गोंजालो फरनांडिज होयो, सौरव भयैक ने अपनी प्रस्तुतिकरण दिया था. परियोजना में बर्ड पार्क, बिग कैट्स के चार जोन, शाकाहारी जानवरों के लिए एक बड़ा क्षेत्र होगा. साथ ही विदेशी पशु पक्षियों के लिए एक क्षेत्र, एक अंडरवाटर वर्ल्ड, नेचर ट्रेल्स, विजिटर, टूरिज्म जोन, बॉटनिकल गार्डन, बायोमेस, इक्वाटोरियल, ट्रॉपिकल, कोस्टल, डेजर्ट होंगे.
अरावली में 180 प्रजातियों के पक्षी
बता दें कि अरावली पर्वत शृंखला एक सांस्कृतिक धरोहर है, जहां पर पक्षियों, वन्य प्राणियों, तितलियों आदि की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. कुछ वर्षों पहले हुए सर्वे के अनुसार अरावली में पक्षियों की 180 प्रजातियां, मैमल्स अर्थात स्तनधारी वन्य जीवों की 15 प्रजातियां, रेप्टाइल्स अर्थात जमीन पर रेंगने वाले और पानी में रहने वाले प्राणियों की 29 प्रजातियां और तितलियों की 57 प्रजातियां मौजूद हैं.