रायपुर। 17वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. इस बार के चुनावी परिणाम सबको चौंकाने वाले रहे हैं. देश में एक बार फिर मोदी सरकार बनने जा रही है. लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर यानि संसद में पहली बार सबसे युवा नेताओं में से सिर्फ दो की चाहत पूरी हुई. यहां हम आपको उन सबसे युवा उम्मीदवारों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने इस बार चुनावी मैदान में अपनी ताल ठोकी थी.

सबसे युवा उम्मीदवार

भव्य बिश्नोई-26 साल
ऑक्सफोर्ड के सेंट एंटोनी कॉलेज से विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट भव्य बिश्नोई पहली बार चुनाव चुनाव मैदान में थे. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते भव्य अभी महज 26 साल के हैं और वह हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े। इस चुनाव में बिश्नोई जीत की नैया पार लगा नहीं नहीं पाए.

नुसरत जहां –29 साल
तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही बंगाली अदाकारा नुसरत जहान पश्चिम बंगाल की बशीरहाट लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में थीं। नुसरत जहान पहली बार चुनाव मैदान में थीं. उनकी उम्र अभी 29 साल है. नुसरत ने भले ही पहली बार चुनाव में किस्तम आजमाई हो लेकिन वह जीतने में कामयाब रहीं.नुसरत ने ममता के भरोसे को बनाए रखते हुए 621606 मत हासिल किए. उन्होंने बीजेपी कैंड‍िडेट सयांता बसु को करीब तीन लाख वोटों से हराया हैं.

 

राघव चड्ढा-30 साल
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़े. 30 साल के राघव पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट हैं और वह आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं. पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे राघव को दक्षिणी दिल्ली सीट पर करारी हार का सामना करना पड़ा.

तेजस्वी सूर्या- 28 साल
कनार्टक की बेंगलुरु-दक्षिण लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस प्रत्याशी बी के हरिप्रसाद को 3,31,192 मतों से पराजित किया है. भाजपा ने यह सीट बरकरार रखी है. यह तेजस्वी का पहला लोकसभा चुनाव था और इस बार जीत हासिल कर वो देश के सबसे युवा सांसद बन गए हैं.

कर्नाटक की बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सीट लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गढ़ रही है. वहीं इसी सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे कांग्रेस के दो नेता कभी राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे. लिहाजा यह सीट कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के लिए अहम है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के दिवंगत नेता अनंत कुमार इस सीट पर साल 1996 से लगातार भाजपा ही जीतती आई है. वह 6 बार बेंगलुरु दक्षिण सीट से सांसद रह चुके हैं. फिलहाल उनके निधन के बाद से यह सीट खाली थी.

इसके बाद बीजेपी ने अनंत कुमार की इस सीट से भाजपा ने महज 28 वर्षीय युवा नेता तेजस्वी सूर्या को मैदान में खड़ा किया था. अनंत कुमार के निधन के बाद उनकी पत्नि तेजस्विनी को टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाने के कारण भाजपा में आंतरिक विरोध का माहौल भी बन गया था. ऐसे हालातों में तेजस्वी सूर्या और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरीप्रसाद के बीच का यह मुकाबला देखने लायक रहा।

वकालत से जुड़े, युवा मोर्चा के महासचिव

तेजस्वी सूर्या वकालत के पेशे से जुड़े हैं और कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. वह भाजपा के प्रदेश युवा मोर्चा के मौजूदा महासचिव हैं. वह भाजपा की राष्ट्रीय सोशल मीडिया टीम के सदस्य भी हैं.