प्रीत शर्मा, मंदसौर। मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के युवा अब अपने उज्ज्वल भविष्य की उड़ान भर सकेंगे। यहां मध्यप्रदेश के पहले पॉयलट ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत हुई है। एक निजी कंपनी द्वारा शुरू किए गए फ्लाइंग क्लब में वर्तमान में 16 युवा पायलट बनने की ट्रेनिंग ले रहे है। यहां कमर्शियल पायलट बनने की ट्रेनिंग दी जा रही हैं।

ग्लोबल एविएशन कंपनी ने एमडी एसएस शरण की मानें तो मालवा का यह क्षेत्र फ्लाइंग की दृष्टि से बहुत बेहतर है। यहां आसमान में बादल छाने के बावजूद भी विजिबिलिटी 5 से 10 किलोमीटर की रहती हैं । उनका कहना है कि वे करीब दो वर्षो तक इस क्षेत्र में आवागमन करते रहे। लेकिन कभी उन्हें यहां विजिबिलिटी की दिक्कत नहीं हुई। इसलिए उन्होंने मंदसौर को सिलेक्ट कर पायलट ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की।

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एमडी शरण ने जानकारी दी कि पायलेट बनने का यह कोर्स करीब 9 से 12 माह का होता है। जिसमें पायलेटिंग सीखने वाले युवा को 200 घंटे की उड़ान भरना होती है। जानकारी के मुताबिक इस कोर्स को करने के बाद डीजीसीए द्वारा पायलेट को लाइसेंस जारी किया जाता हैं। जिसके बाद वह चुनिंदा प्लेन उड़ाने के लिए तैयार हो जाते है। पायलट ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत मंदसौर में होना शहर की तरक्की में चार चांद लगने के समान है।

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