29 मार्च को एक दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग बन रहा है, जिसमें शनिचरी अमावस्या, सूर्य ग्रहण और शनि का राशि परिवर्तन एक साथ हो रहे हैं. यह संयोग ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और विभिन्न राशियों पर इसका प्रभाव अलग-अलग होगा. जब अमावस्या का दिन शनिवार को पड़ता है, तो इसे शनिचरी अमावस्या कहा जाता है. यह दिन शनि ग्रह की शांति के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है. हालांकि सूर्य ग्रहण का अमावस्या के दिन होना तो स्वाभाविक है, लेकिन जब यह शनिचरी अमावस्या के साथ संयोग करता है, तो इसका प्रभाव अधिक गहरा माना जाता है. बता दे कि शनि ग्रह लगभग ढाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है.

सूर्य ग्रहण का समय और प्रभाव

यह सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दोपहर 2:21 बजे से शाम 6:14 बजे तक लगेगा. हालांकि, यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. सूर्य ग्रहण के तुरंत बाद शनि मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे पंच ग्रह योग का निर्माण होगा. यह परिवर्तन कुछ राशियों के लिए शुभ फलदायी होगा, जबकि कुछ को सतर्क रहने की आवश्यकता होगी.

इन राशियों पर पड़ेगा शुभ प्रभाव

वृषभ, मिथुन, मकर और कुंभ राशि: इन राशियों के जातकों को आर्थिक लाभ, करियर में उन्नति और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं. दूसरी राशियों के लिए यह समय मिश्रित परिणाम ला सकता है. उन्हें अपने स्वास्थ्य, करियर और व्यक्तिगत जीवन में सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है.

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