दिल्ली सरकार 1 अप्रैल से राजधानी में पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों के लिए फ्यूल भरने पर रोक लगाने की योजना बना रही है. शहर के 80 प्रतिशत से अधिक पेट्रोल पंपों पर ऐसे उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं, जो रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए वाहनों की पहचान कर सकेंगे. अधिकारियों के अनुसार, पेट्रोल पंपों पर लगाए जा रहे ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरे न केवल पुराने वाहनों की पहचान करेंगे, बल्कि बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण (PUC) प्रमाणपत्र वाले वाहनों को भी चिन्हित करेंगे.

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दिल्ली में लगभग 500 ईंधन स्टेशनों पर यह नई प्रणाली लागू की जा रही है. यदि कोई वाहन नियमों का उल्लंघन करता है और ईंधन भरवाने के लिए आता है, तो यह प्रणाली उसकी पहचान कर पंप कर्मचारियों को उसे ईंधन देने से रोकने का संकेत देगी.

मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्या बताया?

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी दी कि इस योजना को सफल बनाने के लिए नवीनतम तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. पेट्रोल पंपों पर उत्सर्जन निगरानी उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे बिना वैध PUC प्रमाणपत्र वाले वाहनों की पहचान संभव होगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि 80 प्रतिशत से अधिक पेट्रोल पंपों पर ये उपकरण पहले से ही स्थापित किए जा चुके हैं.

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दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने पिछले वर्ष सितंबर तक 59 लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया था. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशों के अनुसार, 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को स्वचालित रूप से परिवहन विभाग के डेटाबेस से हटा दिया जाता है. यदि ऐसे वाहन सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर पाए जाते हैं, तो उन्हें जब्त कर लिया जाता है.

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पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर मिलेगा लाभ

सरकार ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने वाले मालिकों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई नीति लागू की है, जिसके अंतर्गत उन्हें लाभ प्रदान किया जाएगा. 2024 में, सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर अनुपयोगी वाहनों के प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, जब्त किए गए वाहनों को तभी छोड़ा जाएगा जब उनके मालिक उन्हें निजी स्थानों पर रखने का आश्वासन दें या आवश्यक अनुमतियों के साथ किसी अन्य राज्य में पुनः पंजीकरण कराएं.