शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसरों की भारी कमी है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में 69 विषयों के कुल 6,289 पद खाली हैं। ये सभी पद राजपत्रित शैक्षणिक संवर्ग के अंतर्गत आते हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा पद इंग्लिश विषय में खाली है। इनकी संख्या 458 है। कॉमर्स (440 पद) और इकोनॉमिक्स (387 पद) रिक्त है।
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रीवा जिला सबसे ऊपर
प्रदेश में रीवा जिला सबसे ऊपर है। यहां 196 पद खाली हैं, सागर (193 पद), छतरपुर (190 पद) का स्थान, टॉप 10 जिलों में उज्जैन, सीधी, सिंगरौली, सीहोर, सतना, मुरैना और शिवपुरी भी शामिल है। वहीं राजधानी भोपाल सहित इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे बड़े शैक्षणिक हब की स्थिति भी कोई बेहतर नहीं है। भोपाल में 102 पद खाली है।
सरकार को उठाना होगा कदम
यदि समय रहते इन पदों पर नियुक्ति नहीं हुई, तो आने वाले शैक्षणिक सत्र में लाखों छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। विषय विशेषज्ञों की कमी से शिक्षा में गिरावट तो आएगी ही, शोध और नवाचार जैसे पहलू भी पीछे छूटेंगे। प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों को शिक्षकों की भारी जरूरत है। 6,289 पदों की यह रिक्तता केवल संख्या नहीं, बल्कि शिक्षा की सेहत का संकेत है। अब देखना है कि सरकार इस दिशा में कितनी तेजी से कदम उठाती है।
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