रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस बार किसकी सरकार बनेगी.. पान ठेले से लेकर चाय दुकान हो या फिर गली मोहल्ले हों यही चर्चा इन दिनों पूरे प्रदेश में आम है. चुनाव को लेकर इस बार सट्टा बाजार का भी हाल कुछ ऐसा ही असमंजस भरा नजर आ रहा है. सट्टा बाजार के रुख से प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर साफ नजर नहीं आ रही है. दरअसल इस बार चुनाव को लेकर सट्टा बाजार का भाव अब तक खुला नहीं है. प्रदेश में कई सीटों पर त्रिकाणीय स्तिथि को देखते हुए प्रदेश बाजार कोई भी बड़ा रिस्क लेने के मूड में नजर नहीं आ रहा है. हालांकि सीधे भाव ना खुल कर बाजार में session पर दांव लगाया जा रहा है. जिसमें कांग्रेस 38 YES or NO और भाजपा 43 YES or NO पर दांव लगाया जा रहा है.
इसमें कांग्रेस 38 YES या NO और भाजपा 43 YES या NO से तात्पर्य है कि अगर कांग्रेस 38 YES पर कोई 1 हजार का दांव लगाता है और कांग्रेस की 38 सीट या उससे अधिक आती है तो उसे एक हजार के बदले 2 हजार रुपये मिलते हैं वहीं उससे कम सीट आती है तो उसे कुछ नहीं मिलेगा. वहीं कांग्रेस 38 NO पर दांव लगाता है और कांग्रेस की सीट 38 से कम आती है तो उसे एक के बदले 2 हजार मिलेंगे. इसी तरह भाजपा पर भी सट्टा बाजार में भाव लग रहा है.
सट्टा बाजार की इस तस्वीर से यही माना जा रहा है कि प्रदेश में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा है. हालांकि 20 नवंबर को शेष बची 72 सीटों पर मतदान और 11 दिसंबर को EVM खुलने के बाद ही पता चल पाएगा कि छत्तीसगढ़ की जनता इस बार किसके सिर पर पहना रही है ताज और किस पार्टी को मिल रहा है पांच साल का वनवास.