लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद. न्याय पालिका एक ऐसा स्थान है, जहां हर फरियादी को उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास होता है कि अपने ऊपर हो रहे अन्याय पर उन्हें न्याय मिलेगा. इसी उम्मीद के साथ फरियादी अपना फरियाद लगाता है, किंतु प्रक्रिया इतना पेचिदा होता है या कभी-कभी बना दिया जाता है कि फरियादी की उम्मीद टूटने लगता है. बालोद जिले के ग्राम फरदडीह निवासी पीड़ित जिलेराम के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. परेशान किसान ने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग की है. यह मामला देवरी तहसील का है. बता दें कि इसी तहसील के तहसीलदार को कुछ दिनों पहले जिले के प्रभारी मंत्री व डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने पैसे लेकर किसानों का काम करने की शिकायत पर तहसीलदार नीलकंठ जनबंधु को सस्पेंड किया था.

दरअसल जीवन के अंतिम पड़ाव में एक पिता अपने ही बड़े बेटे से छोटे बेटे को उनका हिस्सा दिलाने देवरी तहसील न्यायालय में एक साल पहले आवेदन किया. किसान की मानें तो विवादित कृषि भूमि को अपने द्वारा पत्नी के नाम से खरीदने के दौरान दो बेटी और तीन बेटों के नाम में रखा था, जिन्हें पत्नी के देहांत होने के कुछ साल बाद परिवार के किसी भी सदस्य को जानकारी दिए बिना धोखाधड़ी कर बड़े बेटा का नाम कर दिया गया.

पीड़ित पिता का कहना है कि मुझे कुछ नहीं चाहिए, मेरे मरने के बाद सब कुछ इन्ही का है. मेरे जीवन रहते तक घर में आश्रय और दो वक्त का भोजन दे. छोटे बेटा को उनका हिस्सा दे दिया जाए, ताकि छोटे बेटा को अपने बच्चों के जीवकापालन में कृषि भूमि सहारा बन सके. वैसे भी बेटियों ने तो हिस्सा लेने से मना कर दिया है, जिसे लेकर पीड़ित पिता ने देवरी तहसील से लेकर डौंडीलोहारा एसडीएम, बालोद कलेक्टर और पुलिस में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद दोबारा देवरी तहसील में आवेदन किया. आरोप है कि तहसीलदार के बाबू पैसे की मांग कर रहे हैं और पैसे नहीं देने पर पिछले एक साल से बस पेशी की तारीख देकर प्रताड़ित कर रहे हैं. इससे परेशान किसान बालोद कलेक्ट्रेट कार्यालय में कलेक्टर को आवेदन देकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. उन्होंने बताया कि अब खाना भी नसीब नहीं हो रहा. किसी तरह गुजारा चल रहा है.

जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी : अपर कलेक्टर

मीडिया को अपनी पीड़ा बताते हुए पीड़ित किसान ग्राम फरदडीह के पीड़ित पिता जिलेराम की आंखों से आंसू छलक पड़े. इस मामले को लेकर अपर कलेक्टर ने कहा, आवेदन में जो बात लिखी है अगर वह सत्य है तो अपराध है. जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. शिकायत सही पाए जाने पर दोषी की खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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